मोदी सरनेम केसः जानिए कौन हैं पूर्णेश मोदी? जिनकी याचिका पर राहुल को सुनाई गई दो साल की सजा
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सूरत। बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कोलार (कर्नाटक) में चुनावी रैली के दौरान दिए गए 'सारे चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?' बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। राहुल पर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने का आरोप था और इस मामले में गुरुवार को उनको सूरत की जिला कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, तत्काल राहुल को राहत मिली और उन्हें जेल जाने से पहले ही कोर्ट से जमानत मिल गई। ऐसे में लोगों की दिलचस्पी इस बात में है कि राहुल को पहले कोर्ट फिर कठघरे और अब 'जेल' तक पहुंचाने वाले पूर्णेश मोदी कौन हैं ?
मीडिया रिपोर्ट्स में राहुल को सजा कराने वाले पूर्णेश को गुजराती 'मोदी' भी लिखा जा रहा है। पूर्णेश मोदी गुजरात में बीजेपी विधायक रहने के अलावा कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने करीब चार साल पहले 2019 में राहुल गांधी के कर्नाटक में दिए गए बयान के आधार पर राहुल को गुजरात की सूरत कोर्ट से सजा कराई।
पूर्णेश मोदी ने सदन में गुजरात सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के सदस्य के रूप में 12 अगस्त 2016 से 25 दिसंबर 2017 तक संसदीय सचिव की भूमिका का निर्वाहन किया था। इससे पहले वो सूरत नगर निगम के नगरसेवक रहे. साल 2000-05 में वो निगम के सदन में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. इसके अलावा वह 2009-12 और 2013-16 में सूरत नगर भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्णेश मोदी को 1 लाख 11 हजार 615 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी इकबाल दाऊद पटेल को 33 हजार 733 वोट ही मिले थे.।
रिपोर्ट्स में पूर्णेश मोदी के बारे में लिखा जा रहा है कि 2019 में एक जनसभा के दौरान राहुल ने सवाल किया कि 'सभी चोरों का नाम मोदी ही क्यों होता है?' इस पर भड़के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी राहुल को कोर्ट तक घसीट लाए। सूरत की कोर्ट में राहुल के खिलाफ क्रिमिनल कंटेप्ट केस फाइल किया गया। अदालत ने राहुल को दोषी माना और दो साल की जेल की सजा सुना दी।
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