प्रयागराज: 18 साल से लापता अतीक अहमद के गनर करीम बाबा को नहीं तलाश कर सकी यूपी पुलिस

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
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पूर्व सांसद अतीक अहमद को मिला था सरकारी गनर

मिथलेश त्रिपाठी
अमृत विचार, प्रयागराज। 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद के चुनाव जीतने के बाद उनको एक सरकारी सुरक्षाकर्मी मिला जिसका नाम था एहतेशाम उर्फ करीम बाबा। वह अतीक का सबसे वफादार गनर बताया जाता है। राजूपाल हत्याकांड के बाद जब अतीक अहमद को जेल की सलाखों के पीछे डाला गया तो उसके बाद वह गनर लापता हो गया। 18 साल बाद भी यूपी पुलिस आज तक उसका पता नहीं लगा सकी है। सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद की सुरक्षा में रहने वाला सिपाही एहतेशाम उर्फ करीम बाबा काफी प्रभावित था। सांसद रहे अतीक की सुरक्षा के दौरान करीम बाबा को ऐशो आराम की जिंदगी जीने का आदत पड़ गयी थी। वह तनख्वाह तो पुलिस की लेता था, लेकिन काम अतीक के इशारे पर करता था। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में अतीक के जेल जाने के बाद करीम बाबा ने पुलिस की नौकरी छोड़कर अतीक के शूटर अब्दुल कवि से गठजोड़ कर कौशाम्बी सहित कई जिलों में नाम और शोहरत कमाने के लिए निकल पड़ा था। 

पुलिस की नौकरी छोड़कर 227-गैंग में हुआ था शामिल
सरायअकिल कोतवाली के पुरखास गांव का एहतेशाम उर्फ करीम बाबा तीन भाई हैं। एक मुंबई में नौकरी करता है। दूसरे की फकीराबाद में चश्मे की दुकान है। करीम बाबा पुलिस में था। साल 2004 में करीम बाबा फूलपुर से सांसद चुने गए माफिया अतीक की सुरक्षा में लगाया गया था। राजू पाल हत्याकांड में जब अतीक अहमद जेल गया तो करीम बाबा ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी। पूर्व तैनाती स्थल पर अपनी आमद भी नहीं कराई। पुलिस विभाग ने भी करीम बाबा की खोजबीन का प्रयास नहीं किया। करीम बाबा की मुलाकात वहीं आईएस-227 के गैंग इंटर स्टेट-227 के सदस्यों से हुई। करीम बाबा ने यहीं से जरायम की दुनिया में अपना पहला कदम रखा। पुलिस की नौकरी छ़ोड़ने के बाद करीम बाबा ने राजू पाल हत्याकांड में प्रकाश में आए शूटर अब्दुल कवि से नजदीकी बढ़ाई औऱ कवि निवासी भखंदा गांव के साथ मिलकर काम करने लगा था। राजूपाल हत्याकांड के गवाह कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर कवि के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन करीम बाबा के खिलाफ किसी तरह के मुकदमे की जानकारी पुलिस के पास नहीं है। 

सात साल से घर नहीं आया करीम बाबा
पुरखास स्थित पैतृक घर में रहने वाले एहतेशाम उर्फ करीम बाबा के परिवार वालों का कहना है कि एहतेशाम सात साल से घर नहीं आया है। वो कहां है किसी को पता नहीं है। पुलिस और एसटीएफ की कार्रवाई से सहमे हुए हैं। परिवार के सदस्यों में पिता और बड़ा भाई घर में रहते हैं। उनका कहना है कि पिछले सात साल से एहतेशाम को नहीं देखा। उसका कोई अता-पता भी नहीं है। 

कवि और करीम नहीं रखते मोबाइल
अब्दुल कवि और एहतेशाम उर्फ करीम बाबा मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। सोशल प्लेटफार्म पर भी इनकी कोई लोकेशन नहीं हैं। पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो दूसरे के फोन से मदद लेकर रंगदारी वसूल करते थे। हालांकि पुलिस को अब तक उनकी लोकेशन नहीं मिल सकी है।

कौशाम्बी में अतीक के शूटरों की तलाश
गैंग में कौशाम्बी के नसीम उर्फ नस्सन पुत्र कल्लन, अंसार अहमद पुत्र मो. इलियास, रईस अहमद पुत्र अब्दुल हनीफ व एजाज अख्तर पुत्र हाजी कुद्दूस भी शामिल थे। राजूपाल हत्याकांड के बाद गैंग में भखंदा के अब्दुल कवि का नाम भी सामने आया। अब्दुल कवि को माफिया अतीक का शूटर बताया गया है। फरार हत्यारों की तलाश‌ में अब तक 12 राज्यों के 650 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

वर्जन - 
उस वक्त दिए गए गनर की जानकारी हमें नहीं है। फिलहाल इसकी जानकारी करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
दीपक भूखर, डीसीपी (नगर) प्रयागराज।


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