बरेली: एक ही जोन में 16 सौ करोड़ का बकाया... क्योंकि बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना जानते हैं अफसर

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
On

करोड़ों के बकायादारों से लंबे समय से नहीं हो रही है वसूली, फिर भी खुद को जिम्मेदार मानने को तैयार नहीं है नगर निगम के अफसर

बरेली, अमृत विचार। कंगाली के हालात की वजह से जो नगर निगम शहर में छोटे-मोटे काम कराने तक की स्थिति में नहीं रह गया है, न ठेकेदारों का भुगतान कर पा रहा है, उसी नगर निगम का अकेले जोन- 2 में करीब 1605 सौ करोड़ का टैक्स बकाया है। आला अफसर न उसकी वसूली करा पा रहे हैं, न खुद को जिम्मेदार मानने को तैयार हैं। गाहे-बगाहे कागज पर आदेश-निर्देश दौड़ते रहते हैं लेकिन जवाबदेही तय करने के सवाल पर नीचे से ऊपर तक सभी दाएं-बाएं होने लगते हैं। अफसरों की इस गैरजिम्मेदारी का खामियाजा आम शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

नगर निगम में टैक्स की वसूली की हालत साफ-साफ भ्रष्टाचार से घिरी दिखती है, लेकिन यह कभी तय नहीं हो पाता कि इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। मातहत जिन पर वसूली की जिम्मेदारी है या अफसर जिनका प्रमुख दायित्व राजस्व की आय और व्यय का संतुलन बनाए रखना है। शहर में हर रोज लाखों की कमाई करने वाली व्यावसायिक इमारतों से भी नगर निगम को नियमित रूप से टैक्स नहीं मिल पा रहा है। टैक्स संबंधी विवादों की भरमार है। मार्च की शुरुआत में नगर आयुक्त ने 50 हजार से ऊपर के बकायादारों की सूची तलब की थी, जोन- 2 से आधी-अधूरी सूची ही मिली। इस पर भी कोई जवाबदेही तय नहीं हो पाई।

टैक्स वसूली पर अफसरों का रुख क्या है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सर्वाधिक टैक्स के बकायादारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मिसाल के तौर पर सिविल लाइंस में अकेले द्रोपदी देवी के नाम 20 संपत्तियां हैं। उनके पति के नाम भी कई संपत्तियां हैं। दोनों की मृत्यु हो चुकी है। रिकॉर्ड में उनके नाम कई संपत्तियां व्यावसायिक भी हैं लेकिन नगर निगम में टैक्स जमा नहीं हो रहा है।

इसे ही कहते हैं रसूख... बड़े बकायादार पर हाथ नहीं डालते नगर निगम के अफसर
द्रोपदी देवी के नाम एक टैक्स आईडी 052520 पर 2021 में 6 लाख का टैक्स जमा किया गया था। इसके बाद भी इस आईडी पर करीब 40.75 लाख रुपये का बकाया है। 20 आईडी पर लगभग 38.24 करोड़ का बकाया है। इस सूची में लगभग 90 सरकारी बकायादार भी शामिल हैं। बरेली क्लब का नाम भी बकायादारों की सूची में शामिल है। बरेली क्लब ने 11 फरवरी 2019 को करीब 10.46 लाख रुपये जमा किए, उसके बाद तीन साल से उससे कोई वसूली नहीं हुई। 

बरेली क्लब पर फिलहाल बकाया टैक्स की रकम करीब 1.96 करोड़ पहुंच चुकी है। प्रभा सिनेमा पर तीन करोड़ और इंडियन आयल के मंडलीय प्रबंधक पर 28 लाख का बकाया है। होटलों पर भी बड़ा बकाया है, मगर वसूली नहीं हो रही है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी महातम यादव का कहना है कि इस सूची की जानकारी उन्हें नहीं है। बड़ा बकाया तभी होता है, जब कोई विवाद हो। जोन- 2 में बड़े बकायादार तो हैं। पांच लाख से ऊपर के बकायादारों की सूची दिखवाई जा रही है।

अदालतों में पहुंच रहे हैं टैक्स के तमाम विवाद
बरेली, अमृत विचार : टैक्स विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप आम हैं। तमाम लोग कोर्ट की शरण ले रहे हैं। इस पर कई बार नगर आयुक्त घिर चुके हैं। कोर्ट से कई बार हाजिर होने का नोटिस जारी हो चुका है। आरोप यहां तक है कि लाखों का बकाया एक फोन कॉल पर फाइल में दब जाता है। रिकॉर्ड भी दुरुस्त नहीं है। आगरा से चलाया जा रहा साफ्टवेयर आम टैक्सदाताओं के लिए मुसीबत बना हुआ है। एरियर गायब करा दिए जा रहे हैं और उनका लेखाजोखा नहीं मिल पा रहा है।

नगर निगम में मेरे आने से पहले कई बार साफ्टवेयर में परिवर्तन हुआ है। इस वजह से भी कुछ जगह ऑनलाइन मांग और वास्तविकता में अंतर है। ऑनलाइन सिस्टम में वास्तविकता दिखनी चाहिए। इसके लिए हम केस टू केस देख रहे हैं और उसे ठीक करेंगे। जीआईएस सर्वे में कई संपत्तियां दर्ज हो चुकी हैं। ऐसा भी है कि कहीं ज्यादा टैक्स दिख रहा हो, वास्तव में वैसा न हो। इसे भी चेक करा रहे हैं। भी हो सकता है लोगों ने म्युटेशन न कराया हो-निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त।

ये भी पढ़ें- बरेली: हृदयनारायण दीक्षित को मिलेगा अटल साहित्य सम्मान

 

संबंधित समाचार