बरेली: जमाखोरी से अरहर महंगी, 1150 रुपये प्रति क्विंटल दाम बढ़े

फुटकर विक्रेताओं ने भी 10 रुपये से 15 रुपये प्रति किलो बढ़ा दिए दाम

बरेली: जमाखोरी से अरहर महंगी, 1150 रुपये प्रति क्विंटल दाम बढ़े

बरेली, अमृत विचार। दिल्ली में जमाखोरी के बाद अरहर (तुअर) दाल रिकार्ड महंगी होती जा रही है। इसका असर शहर के बाजार पर भी पड़ रहा है। फरवरी से लेकर अब तक 1150 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। इससे फुटकर दाम में भी 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है। फरवरी में 8550 रुपये प्रति क्विंटल दाम थे, जो बढ़कर 9700 रुपये तक पहुंच गए हैं।

कई व्यापारियों ने बताया कि यहां भी जमाखोरी शुरू हो गई है, इसलिए दाम में तेजी आ रही है। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो अप्रैल में दाम और चढ़ जाएंगे। टैक्स फ्री होने की वजह से जीएसटी विभाग के अधिकारी भी दाल का कारोबार करने वाले व्यापारियों के स्टॉक की जानकारी नहीं रखते हैं। प्रशासनिक अफसर बिना शासन के निर्देश पर एक स्टोर चेक नहीं करते हैं। शहामतगंज और डेलापीर मंडी में 25 से अधिक ऐसे व्यापारी हैं जो अरहर दाल काे थोक में बेचने का कारोबार करते हैं। 150 से अधिक व्यापारी फुटकर में भी बेचते हैं, जनपद के अन्य व्यापारी शहामतगंज और डेलापीर मंडी से ही अरहर दाल का उठान करते हैं। थोक में अरहर बेचने वाले कई व्यापारियों से दाम बढ़ने के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की लेकिन व्यापारियों ने वजह उजागर नहीं की।

व्यापारियों ने बताया कि अरहर गोला फरवरी में 8550 रुपये प्रति क्विंटल थी। तब 90 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। अब थोक में 9700 रुपये प्रति क्विंटल मिलने के साथ 110 रुपये प्रति किलो बिक रही है। जबकि अरहर गोला 11900 रुपये प्रति क्विंटल थी, तब 130 रुपये प्रति किलो मिल रही थी। अब तेजी के साथ 12600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। फुटकर में 140 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दुकानदार बेच रहे हैं।

कमजोर सप्लाई और बेहतर मांग के कारण तेजी की बात सामने आई
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली में अरहर (तुअर) के बढ़ते दामों पर चिंता जताई। कहा कि कमजोर सप्लाई और बेहतर मांग के कारण तुअर बाजार में एकतरफा तेजी का माहौल है। मंत्रालय ने अरहर की जमाखोरी रोकने के लिए अभी से निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही कारोबारियों से आग्रह किया है कि वह सरकारी पोर्टल पर हर सप्ताह स्टॉक अपडेट करें। यह भी चर्चा हुई कि इसी तरह तुअर में तेजी आएगी तो सरकार सख्ती करेगी।

दालें अब टैक्स के दायरे से बाहर हो गई हैं। इसलिए जमाखोरी के संबंध में जीएसटी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं बनती है। जमाखोरी रोकने और थोक व्यापारियों के स्टॉक को चेक करने का कार्य प्रशासन के पाले में है- बृजेश कुमार, सहायक आयुक्त जीएसटी।

अरहर दाल की शहर में जमाखोरी होने के संबंध में अभी कोई शिकायत नहीं मिली है, न ही ऐसा कोई मामला सामने आया है। शासन से निर्देश मिलते ही व्यापारियों के स्टॉक को चेक कराया जाएगा- डॉ. आरडी पांडेय, अपर जिलाधिकारी नगर।

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