येदियुरप्पा ने बेटे विजयेंद्र के वरुणा से चुनाव लड़ने की संभावनाओं को नकारा, लड़ेंगे शिकारीपुरा से 

येदियुरप्पा ने बेटे विजयेंद्र के वरुणा से चुनाव लड़ने की संभावनाओं को नकारा, लड़ेंगे शिकारीपुरा से 

बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को अपने बेटे बी वाई विजयेंद्र को कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के खिलाफ वरुणा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने से इनकार किया और कहा कि वह शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे।

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येदियुरप्पा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वरुणा से विजयेंद्र को मैदान में उतारने का दबाव पहले से ही है, लेकिन मैंने बहुत पहले कहा है कि हालांकि वरुणा का दबाव है, लेकिन उन्हें शिकारीपुरा से चुनाव लड़ना चाहिए। इसलिए विजयेंद्र के वरुणा से चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’

येदियुरप्पा ने कहा कि विजयेंद्र ‘‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र’’ (शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा) से चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उन्हें वरुणा से चुनाव लड़ने के लिए कहने का कोई सवाल ही नहीं है। विजयेंद्र के इस बयान पर कि भाजपा की अपनी ताकत है और वह पार्टी के फैसले का पालन करेंगे, येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘उनका बयान सही है, लेकिन मैं कह रहा हूं कि वह शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे।

मैं इस बात से पार्टी आलाकमान और विजयेंद्र को अवगत करा दूंगा। उनके मैसूर में वरुणा से चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।’’ येदियुरप्पा शिकारीपुरा से मौजूदा विधायक हैं और पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं। येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को वरुणा में अपने बेटे के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना से इनकार नहीं करके विजयेंद्र और सिद्धरमैया के बीच जोरदार मुकाबले की उम्मीद बढ़ा दी थी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता द्वारा विजयेंद्र के वरुणा से चुनाव लड़ने की संभावना को खारिज किए जाने से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि इस बारे में कोई भी फैसला येदियुरप्पा और भाजपा संसदीय बोर्ड को लेना है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हमारे वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा है कि हम (भाजपा) वरुणा में कड़ी टक्कर देंगे।

उन्होंने भी विजयेंद्र को मैदान में उतारने की इच्छा जताई है। यह उस क्षेत्र के लोगों की भी इच्छा है।’’ बोम्मई ने यहां घाटी सुब्रमण्य मंदिर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतिम निर्णय येदियुरप्पा के साथ-साथ भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।’’ संसदीय बोर्ड भाजपा की सबसे ताकतवर इकाई मानी जाती है। पार्टी अध्यक्ष के अतिरिक्त इसमें 10 सदस्य होते हैं।

भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद जे पी नड्डा ने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था और उसमें येदियुरप्पा को भी शामिल किया था। पार्टी के तमाम बड़े फैसले इसी बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं। हालांकि, लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में उम्मीदवारों के नामों पर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम मुहर लगाती है।

कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं। मैसुरू जिले की वरुणा उन प्रमुख सीट में शामिल है, जिन पर सबकी निगाहें टिकी हैं क्योंकि कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इस क्षेत्र से चुनावी ताल ठोंकने को तैयार हैं। 

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