बरेली: छात्राओं ने जबरन फेल करने का लगाया आरोप, अभिभावकों संग किया प्रदर्शन

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Published By Om Parkash chaubey
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रिक्खी सिंह बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने अभिभावकों के साथ डीआईओएस कार्यालय में की नारेबाजी, डीआईओएस ने कॉलेज प्रबंधन को 10 दिन में दोबारा परीक्षा और मूल्यांकन कराने के दिए निर्देश

बरेली, अमृत विचार : रिक्खी सिंह बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन पर जबरन फेल होने का आरोप लगाते हुए अभिभावकों के साथ सोमवार को डीआईओएस कार्यालय में प्रदर्शन किया। छात्राओं ने डीआईओएस को पत्र देकर 9 और 11वीं कक्षा में ट्यूशन पढ़वाने आदि जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।

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छात्राओं की शिकायत पर डीआईओएस सोमारू प्रधान ने कॉलेज प्रबंधन को 10 दिन में दोबारा परीक्षा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो छात्राएं ग्रेस के आधार पर पास हो सकती हैं, उन्हें मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर पास किया जाए। सोमवार को करीब 12 बजे कक्षा 9 और 11 में फेल हुई छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ कॉलेज के विरोध में नारेबाजी करते हुए डीआईओएस कार्यालय पहुंचीं।

नारेबाजी सुन डीआईओएस ने कक्ष से बाहर आकर छात्राओं को शांत कराया। डीआईओएस को अभिभावकों और छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में कक्षा 9 और 11 के विभिन्न सेक्शन की 50 प्रतिशत छात्राओं को फेल कर दिया गया है। छात्राओं पर निजी किताब खरीदने और ट्यूशन पढ़ने का भी दबाव बनाया जाता है। ऐसा नहीं करने पर छात्राओं को फेल कर दिया गया है।

3 से 6 विषयों में फेल हैं छात्राएं, किसी भी कॉलेज के शिक्षकों से करा लें जांच: रिक्खी सिंह बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक आनंद ने बताया कि छात्राओं को उनकी योग्यता के आधार पर ही अंक दिए गए हैं। अभिभावक व छात्राओं के आरोप बेबुनियाद हैं। जिन छात्राओं को कम अंक दिए गए हों वह दोबारा से अपनी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करा सकती हैं।

बताया कि छात्राएं 3 से 6 विषयों में फेल हैं। यह विकल्प अभिभावक और छात्राओं के समक्ष भी रखा गया था, लेकिन छात्राएं पास होने की जिद पर अड़ी हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है कि फेल छात्राओं को वार्षिक परीक्षा में पास कर दिया जाए। विभागीय निर्देश पर किसी कॉलेज के शिक्षक से मूल्यांकन कराने को तैयार हैं। मूल्यांकन में शिक्षक दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध भी प्रबंधन कड़ी कार्रवाई करेगा।

कॉलेज के प्रधानाचार्य और प्रबंधक को छात्राओं की समस्या को देखते हुए फेल छात्राओं का दोबारा से मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जो छात्र ग्रेस के आधार पर पास हो सकते हैं, उन्हें मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर पास करने को कहा गया है।- सोमारू प्रधान, डीआईओएस

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