बदायूं: बालक की जान लेने के आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की दुकान सील

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Published By Om Parkash chaubey
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स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से पहले झोलाछाप हुआ फरार, दुकान पर बैठी मिली लड़की टीम ने दुकान में रखे दवाएं और स्टूमेंट कब्जे में लिए, दर्ज कराई जाएगी एफआईआर

बदायूं, अमृत विचार: जिले में शहर से लेकिर देहात तक जगह-जगह अस्पताल और क्लीनिक चला रहे झोलाछाप पिछले हाल के दिनों में एक के बाद एक करके कई लोगों की जान ले चुके हैं। सोमवार शाम कुंवरगांव में झोलाछाप के इलाज से बरखिन निवासी योगेन्द्र श्रीवास्तव के चार वर्षीय बे प्रियांश की मौत हो गई थी।

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बच्चे के परिवार वालों के तहरीर देने पर कुंवरगांव पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित पक्ष को टहला दिया। इसकी सूचना मिलने पर बुधवार को मौके पर गई नायब तहसीलदार और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप का क्लीनिक सील कर दिया। क्लीनिक में रखी मिलीं दवाएं और स्टूमेंट कब्जे में ले लिए हैं। झोलाछाप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी है।

 कुंवरगांव इलाके के ग्राम बरखिन निवासी योगेन्द्र श्रीवास्तव के चार वर्षीय बेटे प्रियांश के पेट में दर्द हुआ था। परिवार वाले प्रियांश को कुंवरगांव कस्बा स्थित एक क्लीनिक पर ले गए। जहां झोलाछाप ने बच्चे को भर्ती करने के बाद इलाज शुरू कर दिया। इस दौरान बच्चे का अल्ट्रासाउंड भी कराया गया। सोमवार शाम प्रियांश की हालत ज्यादा बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया। इस पर परिवार वालों ने जमकर हंगामा किया था।

उनका कहना है कि वे प्रियांश के दूसरे डाक्टर के पास ले जाने को कहते रहे, लेकिन झोलाछाप ठीक करने का आश्वासन देता रहा। हंगामे का पता लगने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मगर परिवार वालों के कहने पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी बीच कुछ दलालों ने बीच में पड़कर झोलाछाप और पीड़ित परिवार के बीच समझौता करा दिया। इसके बाद बच्चे का शव दफना दिया गया।

झोलाछाप के इलाज से बच्चे की मौत की खबर अखबारों में छपने के बाद बुधवार को नायब तहसीलदार श्रवण कुमार,  डिप्टी सीएमओ डॉ. निरंजन सिंह व डॉ. कौशल गुप्ता ने टीम के साथ कुंवरगांव झोलाछाप की दुकान पर गए।

वहां से झोलाछाप तो गायब था, लेकिन उसकी बेटी क्लीनिक पर बैठी थी। क्लीनिक में कुछ दवाएं और स्टूमेंट रखे थे जिन्हें कब्जे में ले लिया गया। इसके बाद झोलाछाप की दुकान को सील कर दिया गया। वहीं, दुकान पर नोटिस चस्पा कर जवाब मांगा गया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है।

पत्नी करती थी महिलाओं का इलाज: लोगों ने बताया कि क्लीनिक पर झोलाछाप की पत्नी भी बैठती थी, जो महिलाओं का इलाज और गर्भपात भी करती है। चर्चा है कि झोलाछाप सीएमओ कार्यालय को बाबुओं से सेटिंग करने में लगा था, लेकिन इससे पहले टीम पहुंच गई। झोलाछाप ने अपना मोबाइल बंद कर रखा था। लोगों का कहना है कि झोलाछाप ने अपने घर में बगैर लाइसेंस के मेडिकल खोल रखा है।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से झोलाछापों खलबली:  नगर में झोलाछाप और अवैध पैथालॉजी लैबो की भरमार है। बुधवार को स्वास्थ्य महकमे की टीम कुंवरगंव पहुंचने की सूचना मिली तो झोलाछाप अपने क्लीनिक बंद करके भाग भाग गए। अवैध पैथालॉजी चलाने वाले भी गायब हो गए।

आरोपी की दुकान सील करके नोटिस चस्पा कर दिया गया है। वहां जो भी चीजें मिलीं उन्हें कब्जे में लेकर सूची बना ली गई है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कराने के लिए आगे की कार्यवाही की जाएगी।- डॉ. निरंजन सिंह, डिप्टी सीएमओ

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