रायबरेली : बेटे के वियोग में बावली हुई मां ने फांसी लगाकर दी दी जान
अमृत विचार, रायबरेली । तीन वर्ष से अपने बेटे के इंतजार में मां की आंखें पथरा गईं और बेटे के गम में मां बावली हो गई। उसकी उम्मीदें टूटी तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी। बेटे के वियोग में मां द्वारा उठाए गए इस कदम से हर कोई स्तब्ध है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेजा दिया है। क्षेत्र के गांव बलभद्रखेड़ा मजरे खीरों निवासी रामस्वरूप लोधी का बेटा सर्वेश कुमार लगभग तीन वर्ष पहले किसी शहर में रोजी-रोटी की तलाश में गया था। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद वह अपने साथियों से बिछड़ गया। तब से आज तक उसका कोई पता नहीं चल सका है, न ही कोई सूचना आई है।
बेटे के गम में मां सुमित्रा लोधी (50) लगभग एक वर्ष से मानसिक रूप से बीमार हो गई। मां सुमित्रा अपने बेटे सर्वेश के गम में गांव में घूमती रहती थी, और बेटे के गम में कभी रोती तो कभी गाने लगती थी। पति रामस्वरूप लोधी बुधवार को अपने बेटों राजकुमार, शिवकुमार और महेश कुमार के साथ खेतों में काम कर रहा था। तभी सुबह सुमित्रा ने अपने घर के अंदर कमरे में रस्सी के फंदे के सहारे फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घर पहुंचने पर परिवारजनों को घटना की जानकारी हुई तो परिवार में कोहराम मच गया। परिवारजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार अवस्थी ने बताया कि मृतका के परिवारजनों की सूचना पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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