लखनऊ : आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन एक समान करने की उठ रही थी मांग, शासन ने गठित की कमेटी
15 दिन में सौंपेगी जांच रिपोर्ट
लखनऊ, अमृत विचार। एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान और केजीएमयू में आउटसोर्सिंग के तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय एक समान किये जाने को लेकर कमेटी का गठन कर दिया गया है। शाासन की तरफ से गठित कमेटी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही कर्मचारियों के वतेन एक समान होगा, बढ़ेगा या नहीं। इस पर फैसला होने की बात बताई जा रही है।
दरअसल, संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ पिछले कई वर्ष से कर्मचारियों के उचित वेतनमान की मांग कर रहा है। संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने बताया कि लंबे संघर्षो के बाद शासन ने कमेटी गठित कर दी है। केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई तथा कैंसर संस्थान में कुल मिलाकर 12 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी है। जिनको बहुत ही कम वेतन मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रतिवर्ष वेतन बढ़ोत्तरी भी नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि यूनियन की शासन से मांग है कि चारो संस्थान प्रदेश के सर्वोच्च संस्थान है। इस लिए यहां के कर्मचारियों का वेतन भी सर्वोच्च होना चाहिए । दिल्ली में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 15 हजार से अधिक है। इसलिए यहां इन संस्थानों में भी न्यूनतम वेतन चतुर्थ श्रेणी का 15000 से कम निर्धारित न किया जाय। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कम वेतन मिल रहा है।
जबकि लोक निर्माण विभाग में तैनात कंप्यूटर आपरेटर को 22 हजार प्रतिमाह वेतन मिलता है जबकि चिकित्सा शिक्षा में कम है। नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों का भी वेतन बहुत कम है। ऐसे में यदि कमेटी को निर्णय लेना है तो इन सब वेतनमान को ध्यान में रख कर निर्धारण करना चाहिए।
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