चमोली: आखिरी गावं से बना पहला गावं

Amrit Vichar Network
Published By Shweta Kalakoti
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चमोली, अमृत विचार। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सोमवार को सीमावर्ती गांव माणा की दहलीज पर एक साइनबोर्ड लगाया, जिस पर लिखा था 'पहला भारतीय गांव'। उत्तराखंड के चमोली में भारत-चीन सीमा पर स्थित एक गावं माणा, जिसे पहले अंतिम भारतीय गावं के रूप में जाना जाता था, अब 'पहले भारतीय गावं' के रूप में जाना जाएगा।

पिछले साल अक्टूबर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की टिप्पणी का समर्थन किया था कि माणा देश का पहला गावं है और हर सीमावर्ती गावं पहला गावं होना चाहिए।पीएम मोदी ने बयान दिया था कि मेरे लिए भी सीमा पर हर गांव देश का पहला गांव है। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती इलाके और जीवंत हो रहे हैं। इसके लिए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया गया है।

'वाइब्रेंट विलेज स्कीम', जिसका उल्लेख संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में हुआ था। उसका उद्देश्य है किउत्तरी सीमा पर 19 जिलों, 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और लद्दाख के 46 सीमावर्ती ब्लॉकों में गांवों का विकास करना है। 

उन्होंने कहा कि 'वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का दोहन करना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम का उद्देश्य 'वन विलेज, वन प्रोडक्ट' की अवधारणा पर इको-सस्टेनेबल इको-एग्री-एस व्यवसायों को विकसित करना भी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से जिले द्वारा वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान तैयार किया गया है। सीएम ने कहा कि यह योजना सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी। पीएम मोदी का बयान है कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का है, हमें नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। यह हमें गर्व से भरता है, यह बताता है कि हमें अपने कर्तव्यों के बारे में पता है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मोदी-जी के दृष्टिकोण के अनुरूप, हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए समर्पित रूप से काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उत्तराखंड को 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए, हमने 'बिना विकल्प के संकल्प, सीएम' का मूल मंत्र अपनाया है।

 

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