प्रयागराज : चौरी-चौरा कांड के शहीदों को दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि 

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और महामना मालवीय मिशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को हाईकोर्ट स्थित ऐतिहासिक लाइब्रेरी हॉल में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 150वीं वर्षगाँठ के साथ-साथ चौरी-चौरा निर्णय के सौ वर्ष पूर्ण होने पर गोष्ठी आयोजित की गयी। मुख्य वक्ता उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने कहा कि सौ वर्ष पूर्व आज के ही दिन इस जंग में तमाम क्रांतिकारियों ने जीत हासिल की थी। इसमें जीत हासिल करने वाले शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा काण्ड के बारे में स्कूलों में पढ़ा था, जिसका निर्णय इसी उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया था। विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी ने कहा कि चौरी-चौरा कांड में बड़ी संख्या में निचली अदालतों द्वारा लोगों को सजा दी गयी। उच्च न्यायालय में अपील कर सजा में कमी करवाना बहुत ही कठिन कार्य है, लेकिन यह दुष्कर कार्य महामना जी ने संभव कर दिखाया। चौरी-चौरा कांड के अभियुक्तों का मुकदमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और 151 लोगों को फांसी की सजा से बचा ले जाना उनकी बड़ी सफलता थी। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता द्वारा रचित 'चौरी-चौरा' पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ‘जय हिन्द’ ने किया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव, न्यायमूर्ति दिनेश पाठक, न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव, पूर्व न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी, महामना मालवीय मिशन के संरक्षक और आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाहक डॉ बीरेन्द्र जायसवाल, महामना मालवीय मिशन के अध्यक्ष प्रो रवि प्रकाश तिवारी और अधिवक्तागण भी उपस्थित रहे।

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