बरेली: निकाय के नतीजे तय करेंगे सूरमाओं का सियासी कद
मंत्री, सांसद, विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर, फैसले में छिपा सियासी भविष्य, 2024 के लिए सेमीफाइनल के तौर काफी अहम मानी जा रही निकाय की नैया
अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार : 2024 का सेमीफाइनल मानकर पूरे दमखम के साथ लड़े गए निकाय चुनाव के नतीजे काफी अहम माने जा रहे हैं। शनिवार को आने वाले परिणाम चुनावी दंगल में जोर आजमाइश करने वाले प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करने के साथ ही जिले के कई दिग्गजों का सियासी कद भी तय करेंगे। जनता के जनादेश में मेयर प्रत्याशियों से लेकर मंत्री, सांसद और विधायकों का सियासी भविष्य भी छिपा हुआ है।
इस बार नगर निकाय का चुनाव कई मायनों में हर सियासी दलों के लिए काफी अहम है। सबसे ज्यादा केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा और मुख्य विपक्षी दल के तौर पर सपा के लिए। इसकी बड़ी सियासी वजह भी है। एक साल बाद 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में नगर निकाय चुनाव 2023 को 2024 का सेमीफाइनल मानकर पूरी ताकत के साथ लड़ने वाली भाजपा के लिए ट्रिपल इंजन की सरकार दिल्ली का रास्ता तय करेगी।
जिले में निवर्तमान मेयर एवं भाजपा के महापौर प्रत्याशी डाॅ. उमेश गौतम के सामने इस बार सीट बचाने तो सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. आईएस तोमर के सामने साख बचाने की चुनौती है। हालांकि, दोनों ही प्रत्याशियों ने चुनावी जंग जोरदार लड़ी है। गुरुवार को मतदान के बाद चुनाव और रोमांचक बन गया। जबकि जिले की कई नगर पालिकाओं, पंचायतों में त्रिकोणीय मुकाबले ने सियासी दिग्गजों के माथे पर सिकन लाने का काम किया है।
शनिवार को आने वाले नतीजे मेयर प्रत्याशियों, पार्षद, नगर निकायों के अध्यक्षों के साथ ही सत्तारुढ़ भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायकों के लिए भी काफी अहम रहेंगे। चुनावी लड़ाई में सीधे ताैर पर भले ही उमेश गौतम का चेहरा था, लेकिन साख भाजपा के दिग्गजों की लगी है। निकाय के नतीजे बताएंगे कि किसकी कितनी सियासी जमीन मजबूत है, इसी से 2024 के चुनाव की दिशा और दशा भी तय होगी।
विधायकों के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर होंगे परिणाम: जमीनी हकीकत समझने के लिए सियासी पार्टियों के लिए नगर निकाय का चुनाव एक बड़ा मौका है। खासकर भाजपा के लिए। एक साल पहले हुए 2022 विधानसभा चुनाव में जिले में नौ में से सात सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। दो विधायकों को मंत्री बनाया। नगर निकायों के परिणाम भी उन इलाकाें के विधायकों के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर देखे जा रहे हैं।
सियासत के दिग्गजों की जनसभाओं का असर भी बताएंगे परिणाम: भाजपा के स्टार प्रचारक और सीएम योगी आदित्यनाथ ने 7 मई को भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी जनसभा कर पार्टी प्रत्याशी उमेश गौतम को जिताने के लिए हुंकार भरी थी।
इसके अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी सम्मेलन और सभाओं में शामिल हुए। अब देखना यह बड़ा दिलचस्प होगा कि चुनावी जनसभाओं और संगठन की रणनीति निकाय की नैया को पार लगाने में कितनी कारगर हुई।
ये भी पढ़ें - बरेली: नामित पार्षद भाजपा के कितने काम के होंगे तय करेगा परिणाम
