अयोध्या : भाजपा के बागी और भितरघातियों पर गिरेजी गाज
अमृत विचार, अयोध्या । जनपद में नगर निकाय चुनाव के दौरान भाजपा को कमजोर करने वाले बागी और भितरघातियों की अब खैर नहीं है। यूपी बीजेपी ने ऐसे नेता व पदाधिकारियों की जिलाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके। प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट तलब होते ही जिले में सक्रिय नेताओं ने पार्टी में छिपे विभीषण को ढूंढना शुरू कर दिया है।
नगर निकाय चुनाव के नतीजों में भले ही भाजपा ने निगम व तीन पंचायतों में बाजी मारी हो, लेकिन वार्डों में बुरी स्थिति रही। टिकट वितरण के बाद से पार्टी में उठे बवंडर का ही नतीजा रहा कि निगम क्षेत्र में भाजपा उन वार्डों को भी न बचा सकी, जहां से उसे बंपर वोटों की उम्मीद थी। पंचायतों व पालिका के वार्डों में हार का एक मुख्य कारण यह भी सामने आ रहा है कि वहां चुनाव संयोजक ही नियुक्त नहीं किए गए थे। अब यह आधी-अधूरी जीत भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को रास नहीं आ रही है इसलिए प्रदेश में ऐसे सभी जिलों के जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट में जिला अध्यक्षों से पूछा गया है कि निकाय चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों की जीत का प्रमुख आधार क्या था और अगर किसी प्रत्याशी की हार हुई है तो उसकी वजह क्या थी।
निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर जिला अध्यक्ष जो रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे उसका आंकलन करने के बाद आगे शीर्ष नेतृत्व कार्रवाई करेगा। अयोध्या नगर निगम में ही महापौर के टिकट के लिए कई दावेदार थे, लेकिन गिरीशपति का टिकट फाइनल होने के बाद सबको दरकिनार कर दिया गया था। इसमें एक ने तो निर्दल चुनाव लड़ डाला। यही स्थिति वार्डों में भी रही, जिसमें लक्ष्मण घाट वार्ड, साकेत नगर व मणिरामदास छावनी वार्ड समेत कई वार्ड शामिल हैं, जहां पर भितरघात हो गया और भाजपा प्रत्याशी या तो हार गया या फिर तीसरे नंबर पर चला गया।
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