पीलीभीत: हाईकमान ने मांगा जवाब, साइकिल को पंचर करने में कौन-कौन जिम्मेदार, गिर सकती है कईयों पर गाज
जिलाध्यक्ष तैयार करा रहे सूची, जल्द गिर सकती है कईयों पर गाज
पीलीभीत, अमृत विचार: निकाय चुनाव में मिली जबरदस्त हार के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई है। पार्टी हाईकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए भितरघातियों की सूची तलब की है। इसके बाद जिलाध्यक्ष टीम लगाकर ऐसे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को चिन्हित करने लग गए है। माना जा रहा है कि जल्द ही कईयों पर चुनावी हार की गाज गिरना तय है।
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जनपद में तीन नगर पालिका और सात नगर पंचायतों में 11 मई को मतदान हुआ था। अध्यक्ष और सभासद सीट पर मताधिकार का प्रयोग कर जनता अपना नेता चुन चुकी है। दस में से पांच सीट पर भाजपा के अध्यक्ष चुने गए, तीन पर निर्दलीय और एक -एक बसपा कांग्रेस के पाले में गई। पिछले चुनाव में सपा की स्थिति सबसे मजबूत थी, लेकिन निकाय चुनाव 2023 में समाजवादी पार्टी का पूरी तरह से सूफड़ा साफ हो गया।
सपा का एक भी अध्यक्ष प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सका। सदर सीट को छोड़ अन्य पर तो जमानत बचाने के भी लाले पड़ गए। टिकट की घोषणा के बाद से ही बगावत और भितरघात सपा में तेज हो गई थी। कुछ नेता ऐसे भी रहे जो जनसभाओं में तो प्रचार करते दिखाई दे रहे थे लेकिन भितरघात में कोई कसर नहीं छोड़ी।
एक नेताजी ने तो चुनाव के बीच में ही टिकट आवंटन पर सवाल खड़े करते हुए सौदेबाजी तक के आरोप लगाकर प्रेसवार्ता कर डाली थी। उसके बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा बागी भी उनकी ही प्लानिंग के तौर पर देखा जाता रहा। चुनाव से पहले ही जिलाध्यक्ष मनोनीत हुए थे। ऐसे में उसकी ठेस भी इस चुनाव में निकाले जाने की चर्चाएं आम रही। खैर, अब पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद हाईकमान ने निगाहें तरेरी हैं।
जिसके बाद भितरघातियों की सूची तलब कर ली गई है। जिलाध्यक्ष से मांगा गया है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची भेजे, जो कहीं न कहीं सपा को कमजोर और अन्य दलों को मजबूत बनाने के काम करते रहे। बता दें कि सपा इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के सेमीफाइनल से जोड़कर देख रही थी। चुनाव के दौरान तो भितरघात को नकारते रहे लेकिन अब हार के बाद इस पर एक्शन की तैयारी की गई है।
भाजपा में वापसी के मंथन पर मचा शोर: बता दें कि सत्ताधारी भाजपा में भी कम बगावत नहीं हुई। टिकट न मिलने पर कई नेता निर्दलीय उम्मीदवार बन गए और पार्टी प्रत्याशियों की राह में रोड़ा डालने का काम किया था।
उसके बाद पार्टी ने कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। दस में तीन सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीतकर आए प्रत्याशियों की गिनती बागियो में ही गिनती है। ऐसे में उनकी जीत के बाद उनकी वापसी की चर्चाएं तेज हो गई है। फिलहाल अभी इसे लेकर कोई खुलकर बात नहीं कर रहा है।
हाईकमान से एक सूची मांगी गई है। जिसमें निकाय चुनाव में भितरघात करने वालों के नाम मांगे गए हैं। निकाय वार उसे चिन्हित करके सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द ही इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजा जाएगा। - जगदेव सिंह जग्गा, सपा जिलाध्यक्ष
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