अमरोहा: दो अधिकारियों समेत 15 लोगों के खिलाफ सरकारी धन के गबन की रिपोर्ट
सीतापुर में तैनात अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बिजनौर के डीआइओएस और एक्सिस बैंक के प्रबंधक आरोपी बनाए
अमरोहा, अमृत विचार। सीतापुर जिले में तैनात अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार, बिजनौर के डीआइओएस रामाज्ञा कुमार, एक्सिस बैंक के प्रबंधक हरमीत अरोड़ा व जिले के तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अब्दुल मजीद खां समेत एक ही परिवार से जुड़े 15 लोगों के खिलाफ मारपीट, धोखाधड़ी व धमकी देने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि फर्जी मदरसों व स्कूल संचालन कर इन्होंने सरकारी धन का गबन किया है। डीआइजी शलभ माथुर के आदेश पर अमरोहा शहर कोतवाली में इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला घेर पच्छैइयां निवासी सिकंदर अली ने आरोप लगाया है कि मोहल्ले में रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका शहाना बेगम ने अपने बेटों, बेटियों व दामादों के साथ मिलकर फर्जी एनजीओ व कई सोसाइटी बना रखी हैं। जिनके माध्यम से मदरसों व स्कूलों का संचालन किया जाता है। बताया जा रहा है कि जमीन पर एक भी संस्था नहीं है। सब कुछ फाइलों में ही चल रहा है। इतना ही नहीं इन संस्थाओं में छात्र-छात्राओं का नामाकंन भी फर्जी कर रखा है। यह सभी लोग मिलकर सरकारी धन का गबन करते हैं। ये लोग मिलकर शहर के पढ़े लिखे युवक और युवितयों को मदरसे में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं।
मामले का खुलासा तब हुआ जब सिकंदर अली खुद भी उनके बनाए हुए जाल में फंस गए। इनका आरोप है कि वर्ष 2015-2016 में मदरसा कनीज उल अमान अमरोहा में मार्डन टीचर नियुक्ति करने के बहाने आरोपियों ने उनके सभी शैक्षिक दस्तावेज व पहचान प्रमाण प्राप्त ले लिए थे। मदरसा संचालकों ने बाद में नियुक्ति के नाम पर इनसे मोटी रकम मांगी, जो नहीं दी गई। इस कारण इनको नौकरी भी नहीं मिली।
20 जुलाई 2021 को सिकंदर अली को एक्सिस बैंक से एटीएम कार्ड मिला। एटीएम के कवर पर शहाना बेगम का मोबाइल नंबर लिखा था। जिसे देखकर वह हैरान रह गए। एटीएम कार्ड उनका और मोबाइल नंबर दूसरे का। उन्होंने इस संबंध में बैंक प्रबंधक से जानकारी की तो पता चला कि पांच साल से उनका खाता संचालित हो रहा है। बकायदा हर माह वेतन भी निकाला जा रहा है। इस खाते के माध्यम से अब तक 4.35 लाख रुपये भी निकाले जा चुके हैं। खाते में जो पैसा आया, वह मदरसा बोर्ड की ओर से खाते में भेजा गया है। धनराशि एटीएम कार्ड से निकाल ली जाती है। खाते की और जानकारी की गई तो पता चला कि उस खाते में न तो आधार कार्ड लगा है और न ही पैन कार्ड।
सिकंदर ने आठ अक्टूबर 2021 को आरटीआई से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से शहाना बेगम के परिवार के लोगों के माध्यम से संचालित किए जा रहे स्कूलों के बारे में सूचना मांगी। इसके अलावा उन्होंने बैंक मैनेजर हरमित अरोड़ा से भी अपने बैंक खाते के संबंध में भी जानकारी मांगी। उन्होंने यहां तैनात जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार से मदरसा उल अमान के संबंध में जानकारी मांगी तो उन्होंने एक साल बाद आधी-अधूरी जानकारी दी।
पीड़ित सिंकदर ने इन सभी की शिकायत डीआइजी शलभ माथुर से की थी। पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर विजय कुमार राणा ने बताया कि शहाना बेगम, अब्दुल मजीद खां, फौजिया रिजवी, शबाना खान, नदीम सिददीकी, नाजिया अहमद, परवेज सिददीकी, फराज अहमद, सना परवीन, अथर अहमद, लियाकत अली, यासिर सिद्दीकी, बिजनौर जिले में तैनात जिला विद्यालय निरीक्षक रामाज्ञा कुमार, सीतापुर जिले में तैनात अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार, एक्सिस बैंक में मैनेजर रहे हरमित अरोड़ा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।
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