उन्नाव : फौजी ने पहली पत्नी की हत्या कर घर में दफनाया शव , पुलिस ने किया बरामद 

दूसरी पत्नी के लिये नया घर बनवाने की जानकारी होने पर वह भी उसी घर में रहने पहुंच गई थी 

 उन्नाव : फौजी ने पहली पत्नी की हत्या कर घर में दफनाया शव , पुलिस ने किया बरामद 

अमृत विचार, उन्नाव। सदर कोतवाली अंतर्गत इंद्रानगर मोहल्ले में एक फौजी ने पहली पत्नी की हत्या कर उसे घर में दफन कर दिया। शहर में ही रहने वाली मृतका की भांजी ने कोई संपर्क न होने पर आशंका जताते हुए पुलिस से शिकायत की। आरोपी पति को पुलिस ने ग्वालियर यूनिट जाकर पकड़ा तो मामले का खुलासा हुआ। कोतवाली पुलिस ने शव खुदवाकर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

बीघापुर कोतवाली क्षेत्र के धौलपुर गांव निवासी रामलखन सिंह भारतीय सेना में नायक के पद पर तैनात है। वर्तमान में उसकी तैनाती ग्वालियर में है। उसकी पहली पत्नी संतोष (48) के कोई बच्चे नहीं थे। जिस पर उसने 10 साल पहले बाराबंकी जिला के रामनगर आंगनपुर गांव निवासी वंदना से दूसरी शादी की थी। जिससे उसके तीन बच्चे आदित्य, आस्था व निष्ठा हैं। दूसरी शादी होने के बाद रामलखन पहली पत्नी संतोष को 6000 रुपये गुजारा देता था। संतोष शहर के गदन खेड़ा में किराए के मकान पर अकेले रहती थी। इसी साल रामलखन ने शहर के इंदिरा नगर मोहल्ले में मकान बनवाया जहां उसकी दूसरी पत्नी रहने लगी। पहली पत्नी को जब नए मकान की जानकारी मिली तो उसने एक कमरे में गुजारा न करने की बात कही और नए मकान में रहने का फैसला लिया। एक माह पूर्व भी वह वहां रहने आ गई। 

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बीती एक मई को राम लखन छुट्टी पर शहर आया। इसके बाद 11 मई को राम लखन का संतोष से झगड़ा हुआ। जिस पर उसने मारपीट की। यह बात संतोष ने फोन पर शहर के गदन खेड़ा निवासी भांजी आशा चौहान पत्नी शैलेंद्र को बताई। मारपीट की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस घर ढूंढती रही लेकिन सही लोकेशन न मिलने से लौट गई। उसी रात रामलखन ने गमछे से गला दबाकर संतोष की हत्या कर दी और रात भर उसका शव कमरे में डाले रखा। सुबह होने पर मंडी से चार लेबर लाया और टैंक खुदवाने की बात कहकर गड्ढा खुदवाया। इसके बाद रात के अंधेरे में उसी गड्ढे में संतोष के शव को दफन कर दिया और अगले दिन अपनी यूनिट लौट गया। पहली पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके चली गई। 

घटना के अगले दिन जब शहर निवासी मृतका की भांजी आशा उसका हालचाल जानने घर पहुंचे तो ताला लटका मिला। उसने फोन कर मामा से संतोष के बाबत पूछा तो मामा ने गोलमोल जवाब देते हुए उसी पर आक्षेप लगाने शुरू कर दिए। आशा ने कोतवाली पहुंच मामी संतोष के गायब होने की बात बताई। जिस पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की। इसके बाद बुधवार को आशा ने गुमशुदगी दर्ज करवाई। उसने अपने मामा पर मामी की हत्या करने की आशंका भी जताई। जिस आधार पर पुलिस रामलखन की तलाश में ग्वालियर पहुंची। जहां उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। 

गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर खुदाई करवाकर शव बरामद कर लिया। जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सदर कोतवाल राजेश पाठक अस्पताल चौकी प्रभारी प्रवीण पुंज समेत कोतवाली पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रहा। पुलिस के अलावा फारेंसिक टीम भी जांच के लिये बुलाई गई है।


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