काशीपुर: विशेषज्ञ विहीन होता जा रहा काशीपुर का सरकारी अस्पताल 

काशीपुर: विशेषज्ञ विहीन होता जा रहा काशीपुर का सरकारी अस्पताल 

अरुण कुमार, काशीपुर। सरकारी अस्पताल में तैनात संयुक्त निदेशक डॉ. देवेश कुमार की पदोन्नति के साथ बागेश्वर स्थानांतरण हो गया। उसके बाद कुछ अन्य डॉक्टरों का ट्रांसफर व स्वैछिक सेवानिवृत्ति के बाद अस्पताल न्यूरोसर्जन, हड्डी रोग, फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ विहीन हो गया। अस्पताल में आने वाले निर्धन मरीज निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने को विवश हैं। 

दरअसल एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में काशीपुर के अलावा यूपी के ठाकुरद्वारा, रामपुर, रेहड़, बिजनौर, जसपुर, रामनगर, बाजपुर, सल्ट, बेतालघाट, रानीखेत तक से मरीज इलाज को पहुंचते हैं। शुक्रवार को अपर सचिव स्वास्थ्य ने अस्पताल में तैनात संयुक्त निदेशक डॉ. देवेश कुमार सिंह को पदोन्नत कर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बागेश्वर स्थानातंरित किया। इनके साथ ही प्रदेश के 40 डॉक्टरों को भी पदोन्नत किया है, जिन्हें विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित किया है।

डॉ. देवेश फिजिशियन के रूप में रोगियों का प्रतिदिन इलाज कर रहे थे। उनके स्थानांतरण से अन्य डॉक्टरों के कक्षों पर मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी। साथ ही महत्वपूर्ण पद हड्डी रोग विशेषज्ञ, न्यूरोसर्जन, फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ विहीन हो गया। अस्पताल महिला रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, दंत रोग विशेषज्ञ, जीडीएमओ, बाल रोग विशेषज्ञ के भरोसे रह गया है, जिसके चलते अस्पताल में आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर रोगी निजी अस्पतालों की ओर रुख करने को मजबूर हैं, जहां पर इलाज के नाम पर उनकी कमर तोड़कर रख दी है। जानकारी होने के बाद भी विभागीय अधिकारी और शासन मात्र व्यवस्था करने की बात कर पल्ला झाड़ने में लगे हैं, जिसका खामियाजा गरीब तबके के रोगियों को भुगतना पड़ रहा। 


डॉ. कैमाश की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकृत 
अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर ने 11 मई को लिखित निर्देश जारी कर कहा कि उप जिला चिकित्सालय काशीपुर के सीएमएस डॉ. कैमाश कुमार ने हृदयरोग, दांये घुटने के रोग से पीड़ित एवं पारिवारिक परिस्थितियों के दृष्टिगत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान करने का अनुरोध किया, जिसकी राज्यपाल ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी है। वहीं विभाग के मुताबिक सर्जन डॉ. एचसी पंत ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया। ऐसे में अस्पताल धीरे-धीरे विशेषज्ञ विहीन होता जा रहा। अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती होने के बजाए, जो तैनात हैं, उनमें से भी कुछ का मोह भंग होता दिख रहा। 


सीएमएस डॉ. कैमाश राणा की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकृत हो गई है। सर्जन डॉ. एचसी पंत ने भी आवेदन किया है, रिक्त पदों पर तैनाती के लिए शीघ्र व्यवस्था देखी जाएगी।
-डॉ. विनीता शाह, महानिदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड देहरादून 


सरकारी अस्पताल में सीएमएस और विशेषज्ञों के रिक्त पदों की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती का प्रयास किया जाएगा। 
-गुंजन सुखीजा, जिलाध्यक्ष भाजपा, काशीपुर 

लंबे समय से सरकारी अस्पताल में ज्यादातर मध्यम वर्ग के लोग अपना इलाज करवाने आते हैं। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। डॉक्टरों की कमी सरकार की लापरवाही का नमूना है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार को गरीब लोगों के स्वास्थ्य की कोई भी चिंता नहीं है। सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पारदर्शिता का नमूना पेश करते हुए डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति करनी चाहिए।
- पूजा सिंह, महानगर अध्यक्ष, महानगर महिला कांग्रेस कमेटी, काशीपुर

 

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