Rudrapur News : नाबालिग से दुराचार के दोषी को 20 साल की कारावास, न्यायालय ने सुनाया फैसला

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Published By Shobhit Singh
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रुद्रपुर, अमृत विचार। वर्ष 2020 में आठ साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुराचार करने के दोषी को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 20 साल का कठोर कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है। इस दौरान पीड़िता के अधिवक्ता एवं एडीजीसी ने अदालत के सामने छह गवाह पेश किए और आरोपी का आरोप सिद्ध कर दिया। अदालत ने सरकार को भी आदेशित किया कि नाबालिग के भविष्य निर्धारण के लिए पांच लाख रुपये प्रति कर दिए जाएं।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमेश कुमार गुप्ता दाण्डिक ने बताया कि सितारगंज के रहने वाले एक व्यक्ति का कहना था कि 19 मई 2020 को उसकी आठ साल की बेटी घर पर अकेली थी। इस दौरान बैकुंठपुर नंबर एक शक्तिफार्म निवासी शंकर विश्वास उसे धोखे से अपने साथ ले गया और उसके साथ दुराचार कर डराया धमकाया। उसी रात को बेटी ने आपबीती अपनी मां को बताई, तब जाकर दुराचार प्रकरण का पता चला। जिस पर पीड़िता के पिता ने 22 मई को सितारगंज कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत करवाया और पुलिस ने उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 

जिसके बाद मेडिकल परीक्षण करवाने के बाद पुलिस ने अपनी चार्जशीट अपर सत्र न्यायाधीश /एफटीएफसी शिवाकांत द्विवेदी की अदालत में पेश की। पीड़िता की पैरवी कर रहे एडीजीसी उमेश कुमार गुप्ता ने अदालत के सामने छह गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने दोषी शंकर विश्वास को दुराचार और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अनिधिनियम के तहत 20 साल का कठोर कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। 

साथ ही कहा कि नाबालिग बच्ची ने जिस पर यातनाएं झेली है। ऐसे में वह मानसिक अवसाद और सामाजिक कठिनाइयों से गुजर सकती है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार पीड़िता को पांच लाख रुपये प्रति कर दे और न्यायालय को सूचित करे।

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