Saharanpur News: सहारनपुर में खुदाई के दौरान मिले मुगलकालीन सिक्के, कीमत जान हो जाएंगे हैरान

Saharanpur News: सहारनपुर में खुदाई के दौरान मिले मुगलकालीन सिक्के, कीमत जान हो जाएंगे हैरान

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के नानोता क्षेत्र के हुसैनपुर गांव में भूमिया खेड़ा की चारदीवारी बनाने के लिए खोदी जा रही नींव से कीमती धातु के 401 प्राचीन सिक्के बरामद हुए हैं। एसडीएम रामपुर मनिहारान संगीता राघव ने मंगलवार को बताया कि बरामद 401 सिक्कों को जिला सहारनपुर कोषागार में सुरक्षित रखवा दिया गया है और प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर इन सिक्कों की समयावधि बताने को कहा है।

एसपी देहात सागर जैन के मुताबिक गांव हुसैनपुर में कुछ मजदूर सतीधाम मंदिर में चारदीवारी बनाने के लिए नींव की खुदाई कर रहे थे। उसी दौरान मजदूरो को वहां एक मिट्टी का घड़ा मिला जिसमें कीमती धातु संभवतः चांदी के 401 सिक्के मिले। इन सिक्कों पर फारसी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। एक सिक्के का वजन 11 ग्राम से अधिक है।

एसडीएम संगीता राघव को सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार राहुल सिंह को मौके पर भेजा था। जिन्होंने थानाध्यक्ष नानोता चंद्रसेन सैनी और गांव के लेखपाल अमित ठाकुर और ग्राम प्रधान प्रमोद कुमार ने मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से बातचीत की और जमीन में से निकले सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर सहारनपुर कोषागार में रखवा दिया।

इसी गांव के राजबीर सिंह ने बताया कि यह गांव 355 साल पुराना है और उनके पूर्वज गांव संभलहेड़ी से यहां आकर बसे थे। उससे पहले यहां जंगल में कोषाईमठ था जो आज भी है। ग्रामीण वहां पूजापाठ करते हैं और देखभाल करते हैं। इसी स्थान पर महात्मा निश्चलगिरि की समाधि भी बनी हुई है।

इतिहासकार राजीव उपाध्याय यायावर ने मंगलवार को बताया कि खुदाई में निकले सिक्के मुगल बादशाह मोहम्मद शाह आलम द्वितीय के शासनकाल के प्रतीत होते हैं। शाह आलम सहारनपुर, 23 मई। (1728 से 1806) मोहम्मद शाह आलम, आलमगीर द्वितीय के पुत्र थे। राजीव उपाध्याय के मुताबिक ये सिक्के चांदी के बने हुए हैं जिन पर फारसी में लिखा हुआ है। उनके शासनकाल में सहारनपुर में टकसाल हुआ करती थी। उसी के बने हुए ये सिक्के हैं। यह टकसाल सहारनपुर में अकबर ने बनवाई थी।

अकबर ने सहारनपुर को सरकार का दर्जा भी दिया था। जिसमें यमुनानगर से लेकर देहरादून, हरिद्वार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बड़ा भू-भाग शामिल था। ज्यादातर सिक्के 350 साल पुराने हैं और इन सिक्कों को यहां आए मराठों ने भी इस्तेमाल किया था। पूरी सच्चाई तो पुरातत्ववेत्ता ही बता पाएंगे। जिनकी टीम जल्द ही सहारनपुर आकर इन सिक्कों की जांच करेगी।

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