Haldwani News : एसटीएच में डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी की लड़ाई, मरीज ने जान गंवाई

Haldwani News : एसटीएच में डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी की लड़ाई, मरीज ने जान गंवाई

हल्द्वानी, अमृत विचार। एसटीएच में डॉक्टर और स्टाफ नर्सिंग अधिकारी के बीच हुए विवाद में एक घायल की मौत हो गई। दोनों लड़ते रहे और मरीज को बचाने वाला जीवन रक्षक इंजेक्शन उसे न लग पाया। डाक्टर ने मरीज की मौत का जिम्मेदार स्टाफ नर्सिंग अधिकारी को ठहराया और गंभीर आरोप लगाए। कहा कि वो नशे की हालत में ड्यूटी कर रहा था। इस मामले में नर्सिंग अधिकारी की तहरीर पर डॉक्टर के खिलाफ पहले ही इस मामले में केस दर्ज किया जा चुका है। जबकि बुधवार को मामले में नर्सिंग अधिकारी के खिलाफ डॉक्टर की तहरीर पर गंभीर धाराओं में क्रास केस दर्ज किया गया।

पुरुष पीजी हॉस्टल में रहने वाले डॉक्टर जगवीर जादौन एसटीएच के पीजी चिकित्सक हैं। इसी चिकित्सालय में गौरव उप्रेती बतौर स्टाफ नर्सिंग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। इन दोनों के बीच जिस दिन विवाद हुआ उस दोनों की ड्यूटी ट्रामा आईसीयू में थी।

इस मामले में कोतवाली पुलिस को पहली तहरीर गौरव उप्रेती ने सौंपी और कहा, बीती 18 अप्रैल को वह ड्यूटी पर था। उसकी ड्यूटी ट्रॉमा आईसीयू में थी। इस बीच एक गंभीर मरीज अस्पताल लाया गया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को फोन किया, लेकिन वह समय पर नहीं आए। 

मरीज की हालत बिगड़ती देख उन्होंने सीनियर डॉक्टर को फोन किया। सीनियर डॉक्टर को फोन करने से डॉक्टर नाराज हो गया। उसने गौरव के साथ गाली-गलौज की। विरोध किया तो फर्श पर गिराकर लात-घूंसों से पीटा। 

अब इस मामले में दूसरी तहरीर डॉक्टर जगवीर ने गौरव उप्रेती के खिलाफ सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी को सौंपी। तहरीर में उन्होंने कहा, घटना की शाम में 4 बजे से उनकी ट्रामा आईसीयू में ड्यूटी थी। आईसीयू में धीरेंद्र नाम के पेशेंट को गंभीर हालत में लाया गया। गौरव से लाइफ सेविंग इंजेक्शन लगाने को कहा गया, लेकिन शराब के नशे में वह अपनी सीट से नहीं उठा। 

बार-बार बोलने पर वह अपनी सीट से उठा और गाली देने लगा। डॉक्टर का गला पकड़ कर धक्का देने लगा। जान से मारने की धमकी देने लगा। जान बचाने के लिए डॉक्टर ने गौरव को धक्का दे दिया। घायल धीरेंद्र को लेकर नीरज आया था और वह वहीं मौके पर मौजूद था। इन सबसे डॉक्टर की तबीयत खराब हो गई और उन्हें दवाई खानी पड़ी। गौरव की इस हरकत से धीरेंद्र की जान चली गई। 

डॉक्टर जगवीर का कहना है कि जब विवाद हो रहा था तो घायल धीरेंद्र को लेकर आने वाले नीरज वहीं मौजूद थे, जो इसके गवाह भी हैं। मौके पर डॉक्टर विवेक, डॉक्टर तनीश भी वहीं मौजूद थे। उन्होंने तहरीर में भी इस बात जिक्र किया है कि पुलिस उक्त लोगों से सच्चाई जान सकती है।

उन्होंने गौरव के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, जान से मारने की धमकी, गाली, शराब पीकर सरकारी कार्य करना और जीनव रक्षक दवा न देने के कारण हई मृत्यु का केस दर्ज करने की तहरीर देकर केस दर्ज कराया है।

इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले गौरव ने एसटीएच के स्टाफ पर मिली भगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टर के हमले से वह बुरी तरह घायल हो गए थे। 

घटना के तुरंत बाद इलाज के लिए उन्हें एसटीएच में ही भर्ती कराया गया था। इस दौरान उनका मेडिकल चेकअप हुआ, लेकिन एसटीएच स्टाफ ने उन्हें गलत रिपोर्ट थमा दी। जिसके बाद वह शरीर में मौजूद चोटों की जांच के लिए बेस अस्पताल पहुंचे। बेस की रिपोर्ट में अंगुली में फ्रैक्चर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें मिलीं। 

वहीं एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि पहले इस मामले में स्टाफ नर्सिंग अधिकारी की ओर से केस दर्ज कराया गया था और अब नर्स अधिकारी के खिलाफ दी गई डॉक्टर की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। जहां तक मरीज की मौत की बात है तो इस मामले में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। बाकी पुलिस अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। 

इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी ने कहा कि पुलिस जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। मरीज की मौत हेडएंजरी से हुई थी। दोनों के बीच विवाद मरीज की ईसीजी करने को लेकर हुआ था।

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