लखनऊ : शराब छोड़ना चाहते हैं तो एसजीपीजीआई के डॉक्टर करेंगे मदद, अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक में होगा इलाज

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ,  अमृत विचार। शराब के नियमित सेवन करने से  लिवर सिरोसिस रोग होता है। लिवर सिरोसिस और लिवर खराब होने के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग शराब का सेवन बंद करने में विफल रहते हैं क्योंकि वे एक ऐसी स्थिति विकसित कर लेते हैं जिसे 'अल्कोहल डिपेंडेंस' कहा जाता है। 4 प्रतिशत से अधिक भारतीय शराब पर निर्भर हैं। यह जानकारी एसजीपीजीआई स्थित हेपेटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित गोयल ने दी है। उन्होंने बताया है कि जो लोग शराब पर निर्भर हैं। उनके इलाज के लिए एक विशेष कलीनिक की शुरूआत की जा रही है।

उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों की मदद के लिए हीपैटोलॉजी विभाग मनोचिकित्सक के सहयोग से, "अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक (एयूडीसी)" नाम से एक क्लीनिक शुरू कर रहा है। यह क्लीनिक ऐसे मरीजों को शराब छोड़ने में मदद करेगा। जो बीमार है और चाह कर भी शराब नहीं छोड़ पा रहे हैं। इस क्लीनिक में मरीजों को हेपेटोलॉजिस्ट के साथ-साथ मनोचिकित्सकों द्वारा दवा, परामर्श और नशामुक्ति सेवाओं के रूप में संयुक्त चिकित्सा सेवा दी जाएगी।

यह क्लिनिक प्रत्येक सोमवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में चलेगा और हेपेटोलॉजी विभाग में मरीजों का पंजीकरण किया जाएगा। ऐसा कंबाइंड अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक की सुविधा उत्तर प्रदेश में कहीं भी उपलब्ध नहीं है और संजय गांधी पीजीआई इस तरह की सुविधा शुरू करने वाला पहला संस्थान हैं।

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