जज्बा : रामनगर से सिंगापुर तक की यात्रा साइकिल से तय करेंगे आदित्य 

Amrit Vichar Network
Published By Shweta Kalakoti
On

साइकिल से भारत यात्रा के बाद अब थाईलैंड, सिंगापुर का सफर तय करेंगे  

रामनगर, अमृत विचार। बनानी है अपनी पहचान आसमां तक है, कैसे हार मान लूं और थक कर बैठ जाऊं, मेरे हौसलों की बुलन्दी तो आसमां तक है। कवि तपस अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत यह पंक्तियां आदित्य कुमार पर सटीक बैठती हैं जो साइकिल से भारत यात्रा के उपरांत अब रामनगर से सिंगापुर तक की यात्रा का दृढ़ संकल्प लेकर रामनगर से सिंगापुर को रवाना होंगे।

आदित्य सिविल इंजीनियर हैं। इन्होंने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान से 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद ढाई साल नौकरी भी की। अब वह पर्यावरण संरक्षण का संदेश साइकिल से देने भारत भ्रमण पर हैं। 

रामनगर पहुंचने पर उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा दिल्ली से 15 मार्च को शुरू हुई थी हरियाणा, पंजाब, जंबू कश्मीर, लद्दाख हिमाचल होते हुए उत्तराखंड पहुंचे हैं। केदारनाथ के दर्शन के बाद गैरसैंण होकर रामनगर पहुंचे। यहां से हल्द्वानी, खटीमा होते हुए नेपाल जाएंगे। नेपाल से पूर्वोत्तर भारत के रास्ते म्यांमार देश पहुंचेंगे। वहां से थाईलैंड, मलेशिया होकर सिंगापुर पहुंचेंगे। कहते हैं कि पिछले दो माह से साइकिल यात्रा पर हैं। अभी छह माह उन्हें इस यात्रा में और लगेंगे। 


ऐसे आया मन में विचार:  आदित्य कहते हैं कि जॉब करते करते मुझे अपने आसपास के एनवायरमेंट में ह्यूमैनिटी की कमी का एहसास हुआ और साथ ही साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता की कमी लगी तो उन्होंने अपने आसपास के क्षेत्र में इसके लिए कुछ करने की इच्छा जाहिर की तो सबका जवाब आया कि ये हमारा काम नहीं या हम ही क्यों करें। लेकिन मैं लोगों की बात से निराश नहीं हुआ।

मैंने  साइकिल से पूरे भारत वर्ष की यात्रा करने का निर्णय लिया। पर्यावण संरक्षण का संदेश लेकर घर से बिना पैसे की यात्रा करके मानवता को पर्यावरण का संदेश लेकर निकल पड़ा। मेरा मकसद भारत की कला एवं संस्कृति को भी बढ़ावा देना है ताकि हम आने वाली पीढ़ी को कल बेहतर दे पायें। इस दौरान भाजपा नेता गणेश रावत, बिक्रीकर अधिकारी मितेश्वर आनंद, विनीत शर्मा, राजू रावत, हेमंत कोठारी ने उनका स्वागत कर हौसला अफजाई की है।