हल्द्वानी: पीएम आवास योजना: घर बनने के सपने अब भी अधूरे

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को योजना का समय पर लाभ नहीं मिल पाया है। भारत सरकार ने 2022 में आजादी के 75 वर्ष होने पर आवास विहीन पात्र शहरी परिवारों के लिए आवास बनाने का लक्ष्य रखा था। मगर अब भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें आवेदन करने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। 
 

नगर निगम हल्द्वानी समेत जिले के 7 निकायों में योजना की शुरुआत से अब तक 584 शहरी परिवारों ने पीएम आवास योजना के लिए आवेदन किया है। इनकी डीपीआर निदेशालय को भेजी गई है, लेकिन अब तक 50 प्रतिशत परिवारों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भी कई लोग आवास से वंचित हैं। 

योजना का लाभ मुख्य रूप से उन लोगों को दिया जाता है, जिनके पास घर नहीं हैं, लेकिन जमीन है। साथ ही सालाना आय 3 लाख से कम  है। योजना के तहत चार किस्तों में लभार्थी को 2 लाख रुपये की राशि मिलती है। केंद्र सरकार की ओर से आवास के लिए आर्थिक सहायता के तौर पर 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से 50 हजार की राशि लाभार्थी को दी जाती है। पहली किस्त 20 हजार की और अन्य किस्तें 60 हजार में आती हैं।

हल्द्वानी के कई शहरी परिवार ऐसे हैं, जिनकी किस्तें समय पर नहीं आ रही हैं। इधर निगम प्रशासन का कहना है कि जिनकी डीपीआर स्वीकृत हो गई है। उन लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल रहा है। डीपीआर स्वीकृति में हो रही देरी से लाभार्थी प्रभावित हैं। उनके घर बनने का सपना अब भी अधूरा है। 


पीएम आवास योजना के तहत जिन शहरी परिवारों की डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है। उनको योजना का लाभ मिल रहा है। बचे लाभार्थियों की डीपीआर स्वीकृति की प्रक्रिया गतिमान है।   
-पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त


योजना की शुरुआत से अब तक पीएम आवास के लिए जिले के 7 निकायों से 584 शहरी परिवारों की डीपीआर निदेशालय को भेजी गई है। 200 से अधिक शहरी परिवारों को अब तक योजना का लाभ मिल गया है। 
 -सुरेश अधिकारी, सामाजिक विकास अधिकारी,  नगर निगम हल्द्वानी

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