खेलों की नीति पर एकाधिकार से लखनऊ विश्वविद्यालय फिसड्डी : लुआक्टा

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, लखनऊ । लुआक्टा ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय से खेलों की सारी जिम्मेदारी महाविद्यालयों को देने की मांग की है। संगठन का कहना है कि खेलों की नीति पर एकाधिकार से लखनऊ विश्वविद्यालय फिसड्डी साबित हो रहा है।

लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय की एकाधिकार वादी नीतियों के कारण विश्वविद्यालय पिछड़ रहा है, खेलो इंडिया जैसे इवेंट लखनऊ विश्वविद्यालय एवं इससे संबद्ध महाविद्यालयों के खेल प्रेमी छात्र व छात्राओं के हाथ से निकल रहे हैं। संगठन ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से आग्रह है कि A को बनाए रखने के लिए नीतियों का वास्तविक रूप से सम्मान करें अन्यथा की स्थिति में लुआक्टा मांग करता है कि कुलपति खेलों की सारी जिम्मेदारी महाविद्यालयों को दे दे, लुआक्टा का विश्वास है कि महाविद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय की खोई प्रतिष्ठा को वापस लौटा देंगे।

विश्वविद्यालय को एक भी नहीं मिला पदक

महामंत्री डा. अंशु केडिया ने बताया कि मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना ''खेलों इंडिया'' के तहत बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय में आयोजित यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 में पंजाब विश्वविद्यालय ने लखनऊ विश्वविद्यालय को पीछे छोड़ दिया। पंजाब विवि 26 गोल्ड, 17 सिल्वर और 26 कांस्य पदक से नंबर एक पर है। वहीं प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, नेहरू ग्राम भारती आदि भी लखनऊ विश्वविद्यालय से पदक तालिका में आगे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी लाज भी नहीं बचा पाया, उसे एक भी पदक नहीं मिला। विवि की लाज सीबी गुप्ता बीएसएस महाविद्यालय की छात्रा काजल शर्मा के कांस्य पदक के साथ बची।

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