बरेली: 50 बाढ़ नियंत्रण चौकियों से होगी निगरानी

बाढ़ खंड विभाग ने बाढ़ से निपटने की बनाई रणनीति, कंट्रोल रूम के साथ ही 28 राहत केंद्र स्थापित होंगे, राहत केंद्रों पर 24 घंटे राजस्व निरीक्षकों के साथ लेखपाल व तहसील कर्मचारी करेंगे जल स्तर की निगरानी

बरेली: 50 बाढ़ नियंत्रण चौकियों से होगी निगरानी

बरेली, अमृत विचार: बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कंट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही 50 बाढ़ चौकियां और 28 राहत केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जहां 24 घंटे राजस्व निरीक्षकों के साथ-साथ हल्का लेखपालों व तहसील के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा जो कि निरंतर जल स्तर की निगरानी करेंगे।

इधर, पहाड़ी इलाकों में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 15 जून से संचालित होने वाला बाढ़ कंट्रोल रूम अभी से खोल दिया गया। बाढ़ संबंधी किसी भी तरह की समस्या होने पर कंट्रोल रूम के नंबर 0581-2511664 संपर्क किया जा सकता है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी के निर्देश के बाद विभाग सक्रिय हो गया है।

जिले में रामगंगा, किच्छा, भाकड़ा, बहगुल और देवहा नदी हैं। जबकि देवरनिया, नकटिया, चौबारी आदि बरसाती नाले हैं। रामगंगा नदी जनपद की सबसे बड़ी नदी है, जो कालगढ़ डैम से निकलती है। इसमें किच्छा नदी, बहगुल नदी और कोसी नदी मिलने के कारण हर साल बारिश में रामगंगा का डिस्चार्ज बढ़ने से खतरा बढ़ जाता है।

गांव सूदनपुर, जितौर समेत कई समीपवर्ती स्थानों पर पलायन जैसी स्थिति हो जाती है। वर्ष 2021 की बात करें तो पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश से रामगंगा नदी का उच्चतम जल स्तर 162.130 मीटर और वर्ष 2022 में उच्चतम जल स्तर 160.940 मीटर तक पहुंच गया था।

बाढ़ खंड के अधिकारी बताते हैं कि रामगंगा नदी का डिस्चार्ज 1.25 लाख क्यूसेक से अधिक होने पर जनपद में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। इस बार समय से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। 15 जून से 31 अक्टूबर तक कंट्रोल रूम संचालित रहेगा। एक-दो दिन के भीतर सभी विभागों के कार्ययोजना प्राप्त होने के बाद पत्रावली तैयार कर जिला प्रशासन को भेज दी जाएगी।

गोताखोरों पर नजर, बाढ़ नियंत्रण को बने हैं दो तटबंध: रामंगगा नदी किनारे बसे जनपद के 300 गांव हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इन गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए विभाग ने गौटिया मोहर सिंह और भगवानपुर से रूकमपुर में तटबंध बनाया है। यह तटबंध रामगंगा नदी किनारे स्थित हैं।

इधर, तहसील स्तर पर डीएम के निर्देश पर संबंधित एसीडीएम गोताखोरों की सूची बना रहे हैं। अब तक करीब 60 गोताखोरों की सूची बना ली गई है, जो किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध रहेंगे। बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी समस्त परियोजनाएं 15 जून तक पूर्ण करने की बात कही जा रही है।

यहां की गईं हैं व्यवस्थाएं:

जिले में 50 चौकियां बनाई गईं हैं।

  •  28 राहत केंद्र स्थापित किए है।
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  •  148 नावों की व्यवस्था की है।
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  •  60 गोताखोरों का इंतजाम है।
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  •  2000 ईसी बैग
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  •  2000 नायलोन क्रेट

 

 50 सैट परक्यूपाईन रिर्जव

बाढ़ चौकियों की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। बाढ़ कंट्रोल रूम का संचालन शुरू कर दिया गया है। विभागों से बाढ़ बचाव के संबंध में कार्ययोजना मांगी गई थी, जो प्राप्त हो चुकी है। एक-दो दिन में पत्रावली तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दी जाएगी।- राजेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड।

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