ताइवान से संबंध तोड़ने के बाद होंडुरास की राष्ट्रपति पहली बार चीन की यात्रा पर, शी जिनपिंग से करेंगी मुलाकात

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Published By Priya
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ताइपे। होंडुरास की राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो, अपने देश के साथ चीन के संबंध स्थापित करने और अपने पूर्व कूटनीतिक सहयोगी ताइवान से रिश्ते खत्म करने के बाद पहली बार शुक्रवार को शंघाई की यात्रा पर पहुंचीं। चीन की आधिकारिक ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी ने कहा कि कास्त्रो 14 जून तक चीन की यात्रा पर रहेंगी जिसमें वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात करेंगी तथा दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिए ‘‘संयुक्त योजना’’ पर बातचीत करेंगी। 

होंडुरास ने मार्च में चीन के साथ औपचारिक संबंधों की स्थापना की और पूर्व कूटनीतिक सहयोगी ताइवान के साथ हाल में रिश्ता तोड़ने वालों की कड़ी में शामिल हो गया। चीन स्वशासित ताइवान को अपना पृथक प्रांत मानता है जिसे जरूरत पड़ने पर वह बलपूर्वक देश का हिस्सा बना सकता है। चीन अपने कूटनीतिक सहयोगियों को ताइपे के साथ औपचारिक संबंध बनाने से रोकता है। 

आजादी की ओर झुकाव रखने वाली साई इंग वेन के 2016 में ताइवान की राष्ट्रपति बनने के बाद, उसके साथ कूटनीतिक रिश्ते रखने के विरोध में चीन ने अपना अभियान तेज कर दिया। इसी अभियान के तहत उसने अरबों डॉलर के निवेश की पेशकश कर लुभाया और ताइवान के नौ पूर्व सहयोगियों ने ताइपे से नाता तोड़ लिया। अब लातिन अमेरिका के बेलिजे, पराग्वे और ग्वाटेमाला, दक्षिणी अफ्रीका में एस्वातिनी, कुछ कैरेबियाई और दक्षिण प्रशांत के देश तथा वेटिकन सिटी सहित कुल 13 देशों के ही ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध हैं।

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