बंगाल ग्रामीण चुनाव: नामांकनपत्र दाखिल करने के दूसरे दिन भी रही हिंसा जारी 

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Published By Om Parkash chaubey
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकनपत्र दाखिल करने के दूसरे दिन शनिवार को भी हिंसा और अराजकता का दौर जारी रहा और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और गुंडों ने उनके उम्मीदवारों को नामांकनपत्र दाखिल करने से रोका।

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बांकुड़ा, पूर्व, पश्चिम बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद जैसे कई जिलों से सत्ताधारी और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई होने और हिंसा की खबरें हैं। नामांकनपत्र दाखिल करने के पहले दिन शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले में एक कांग्रेस नेता की कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हालांकि सत्तारूढ दल ने इन आरोपों से इंकार किया है। राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘हमें सभी घटनाओं के बारे में रिपोर्ट मिली है और पुलिस को जरूरी निर्देश दिये जाएंगे।’’ विपक्षी दल भाजपा ने पंचायत चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की है जबकि टीएमसी ने कहा कि विपक्ष हार के डर से बहाने ढूंढ़ रहा है।

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद के डोमकोल में टीएमसी से जुड़े गुंडे बीडीओ कार्यालय (जहां नामांकनपत्र दाखिल किये जाएंगे) के पास आग्नेयास्त्रों के साथ घूमते देखे गए। इसके अलावा बीरभूम जिले के लाभपुर में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवारों के साथ धक्का-मुक्की की।

इसी तरह बांकुड़ा के बिष्णुपुर, पूर्व बर्धमान के कटवा और पश्चिम बर्धमान जिले के बाबरनी से हिंसा की खबरें मिली हैं, जहां माकपा उम्मीदवारों को कथित तौर पर टीएमसी द्वारा नामांकनपत्र दाखिल करने से रोका गया था। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम बिल्कुल शुरुआत से ही केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन पक्षपाती राज्य चुनाव आयोग ने अभी तक हमारी दलीलें नहीं सुनी है।’’

उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्दी पहने नागरिक स्वयंसेवकों को अब नामांकनपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए तैनात किया गया है और सत्तारूढ़ पार्टी के उपद्रवियों को खुली छूट मिली है। टीएमसी के राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि विपक्ष को 2021 के विधानसभा चुनाव और कई विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन ये सभी चुनाव केंद्रीय बलों की उपस्थिति में कराए गए थे।

राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकनपत्र दाखिल करने की तारीख बढ़ाने की मांग पर आयोग के रुख को स्पष्ट किया तथा हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी उन्हें अवगत कराया।

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