बरेली: कई दिक्कतें आसान करेगी रियल टाइम खतोनी, बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर चढ़ जाएगा खरीदार का नाम
अनुपम सिंह, बरेली,अमृत विचार : रियल टाइम खतौनी की व्यवस्था जिले में जल्द ही लागू हो जाएगी जिसके बाद किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। उन्हें न तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ेंगे न बैनामा होने के बाद नाम चढ़वाने का सिरदर्द झेलना पड़ेगा।
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बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर खतौनी पर नाम चढ़ जाएगा। रियल टाइम खतौनी की व्यवस्था जिले के 2181 राजस्व गांवों में लागू होनी है। 62 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया की वजह से काम रुका है। 2115 गांवों की खतौनियां बनाने का काम चल रहा है।
यह प्रक्रिया 19 जनवरी से शुरू हुई थी, इस बीच बनी रियल टाइम खतौनियों को तकनीकी समस्या के कारण राजस्व बाेर्ड ने वापस कर दिया था। नए सिरे से दोबारा काम शुरू होने के बाद 31 मई तक 20 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जून और जुलाई में बाकी 40-40 फीसदी काम पूरा करने का लक्ष्य है।
रियल टाइम खतौनी में होगा साफ, किसका कितना हिस्सा: भूलेख निरीक्षक चंद्रप्रकाश शर्मा के अनुसार अब तक खतौनी बनाते समय किसान का नाम, गाटा नंबर, रकबा, भूराजस्व का ब्योरा त्रुटिवश छूट जाता था तो किसानों को काफी दिक्कत होती थी। नई व्यवस्था के बाद किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के बिना कोई संशोधन नहीं हो सकेगा।
इसके अलावा जमीन बेचने के बाद एक प्रति तहसील जाती है जहां 45 दिनों में नामांतरण यानी बेचने वाले का नाम काटकर रिकॉर्ड में खरीदने वाले नाम चढ़ाना होता है लेकिन इसमें अक्सर दो-तीन महीने लग जाते हैं। इससे भी निजात मिलेगी। खतौनी में खातेदारों के नाम के आगे उनके अंश का जिक्र होगा, लिहाजा कोई अपने हिस्से से ज्यादा जमीन बेच नहीं पाएगा।
ये नुकसान भी: नई व्यवस्था से किसानों को कुछ नुकसान भी झेलना पड़ेगा। दरअसल अभी एक साथ सभी गाटा नंबर की खतौनी निकल आती है, लेकिन रियल टाइम खतौनी अलग-अलग गाटा नंबर की अलग-अलग निकलवानी पड़ेंगी। इसमें पैसा और समय दोनों जाया होगा।
खतौनी की जांच की लंबी प्रक्रिया: रियल टाइम खताैनियां तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, कानूनगो की टीम बनाती हैं और इसे मूल प्रति के साथ ऑनलाइन फीड करते हैं। भूलेख दफ्तर में सहायक भूलेख अधिकारी संतोष अवस्थी, भूलेख निरीक्षक प्रथम चंद्रप्रकाश शर्मा, निरीक्षक द्वितीय श्रीषपाल जांच करते हैं।
हर दस गांव की एक खतौनी की जांच एडीएम करते हैं ताकि कोई गड़बड़ी न हो। एडीएम एफआर मीरगंज, बहेड़ी, एडीएम प्रशासन नवाबगंज, सदर, एडीएम सिटी फरीदपुर, एडीएम न्यायिक आंवला तहसील की खतौनियाें की जांच करते हैं। इसके बाद एसडीएम को ऑनलाइन भेजी जाती है। वे अपनी साइट से उसे अनलॉक कर देते हैं।
रियल टाइम खतौनी की व्यवस्था लागू होने से किसानों को तमाम शिकायतों और विवादों से छुटकारा मिलेगा। कम समय में उनके काम हो सकेंगे। जुलाई के आखिर तक काम पूरा होने की उम्मीद है।- ऋतु पूनिया, एडीएम प्रशासन
13 काॅलम की खतौनी है अभी,19 कॉलम की रियल टाइम खतौनी होगी
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