अयोध्या : मंहगाई के चलते खाने और रोजमर्रा की चीजें हुईं मंहगी
अमृत विचार, अयोध्या । पारे के मिजाज के साथ बाजार भी गर्म हो रहा है। आम से लेकर ख़ास तक की थाली की अहम पहचान दाल-रोटी महंगी हो गई है। आम उपभोक्ता को हरी सब्जियों ने तो राहत दे रखी है लेकिन टमाटर लाल होता जा रहा है। दाल में तड़का के लिए इस्तेमाल होने वाला जीरा लंबी छलांग लगा रहा है। ऐतिहासिक उत्पादन के बावजूद गुड़-चीनी के भाव में गर्मी शुरू हो गई है, जिससे इसका स्वाद कड़वा होने लगा है।
सहालग के सीजन पर विराम के बावजूद दाल-रोटी खाने वाले को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है। दाल के दाम में 20 फीसदी तक उछाल आया है। करीब 115 रुपये प्रति किलो मिलने वाली अरहर दाल अब 140 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। यह हाल केवल अरहर दाल का ही नहीं है, बल्कि चना, उड़द, मटर आदि का मूल्य भी बढ़ने लगा है। खुले बाजार में आटे का फुटकर भाव भी दो रुपये प्रति किलो बढ़कर 29 रुपये से 31 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। ब्रांडेड आटे के पैकेट का भाव तो 40 से 42 रूपये है। दाल में तड़का लगाने में इस्तेमाल होने वाला जीरा तो अपने बाजार भाव से दुगने रेट पर जा पहुंचा है।
कीमत में दोगुनी वृद्धि के साथ 30-35 रूपये प्रति 100 ग्राम बिकने वाला जीरा अब 60 रुपया प्रति 100 ग्राम के भाव में बिक रहा है। यही हाल सौंफ का भी है। मिठास के लिए इस्तेमाल होने वाला गुड़ 40 रूपये प्रति किलो से 55-60 और सामान्य बाजार में मिलने वाली चीनी 38-40 से 40-42 रूपये प्रति किलो पहुँच गई है। साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाले राम सहाय का कहना है कि क्रेसर से ही गुड़ महंगा मिल रहा है। वहीं दाल विक्रेता ओम प्रकाश ने बताया कि राजस्थान से ही दालें महंगी आ रही हैं।
तेल-मसालों ने दी है थोड़ी राहत
रोजमर्रा के तहत इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेलों और हरी सब्जियों की कीमत में कमी होने और मसालों के दाम स्थिर रहने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन टमाटर का भाव लाल होकर फुटकर में 40 रूपये प्रति किलो पहुँच गया है। लहसुन की कीमतें 80-100 से नीचे होने का नाम नहीं ले रहीं हैं, तो आलू भी बाजार में अपना दम दिखाने लगा है। फुटकर में सामान्य सरसों का तेल 150 से 135 और रिफाइंड 140 से 130 रूपये प्रति लीटर आ गया है लेकिन मूंगफली का तेल 190 से 210 और तिल का तेल 140 से 160 रूपये लीटर जा पहुंचा है। किराना स्टोर चलाने वाले विनोद कसौधन ने बताया कि आयात में कमी के चलते जीरा-सौंफ के दाम में तेजी बताई जाती है।
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