बहराइच: बच्चे की जान बचाने को चाहिए था खून, अस्पताल में रोने लगा पिता तो सिपाही बना फरिश्ता

फादर्स डे पर मासूम बच्चे की जान बचाने में कामयाब हुआ पिता

बहराइच: बच्चे की जान बचाने को चाहिए था खून, अस्पताल में रोने लगा पिता तो सिपाही बना फरिश्ता

बहराइच, अमृत विचार। जालिम नगर गांव निवासी एक ग्रामीण के डेढ़ माह के बेटे की हालत गंभीर होने पर उसे जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन खून के लिए वह जिला अस्पताल पहुंचा और रोने लगा। चौकी पर तैनात सिपाही ने खून देकर मासूम के इलाज में सहयोग किया। मोतीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जालिम नगर निवासी आदित्य (डेढ़ माह) पुत्र अरविंद कुमार कई दिनों से बीमार चल रहा था। 

सीएचसी से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अरविंद कुमार बेटे को इलाज के लिए दिगिहा मोहल्ले में स्थित प्राइवेट अस्पताल ले गया। यहां मासूम के शरीर में सिर्फ छह यूनिट ब्लड होने की बात डॉक्टर महेश अग्रवाल ने बताई। साथ ही एक यूनिट खून की मांग की। गांव से आया ग्रामीण जिला अस्पताल पहुंचा, लेकिन ड्रोनर न मिलने से उसे खून नहीं मिला।

इस पर वह जिला अस्पताल में ही रोने लगा। इस पर चौकी का सिपाही अखिलेश वर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूछा कि बाइक चोरी हो गई है क्या, लेकिन उसने बेटे की जान बचाने के लिए एक यूनिट खून की बात कही। इस पर सिपाही ने कहा कि चलो खून हम दे देते हैं। 

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंच कर सिपाही ने एक यूनिट खून दिया। जिस पर मासूम को खून चढ़ाया जा सका। सिपाही के कार्य की साथी पुलिस कर्मी सराहना कर रहे हैं। डॉक्टर महेश अग्रवाल ने बताया कि खून चढ़ने के बाद मासूम के इलाज में काफी सुधार है।

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