Submarine missing: सिगार जैसी दिखती है लापता पनडुब्बी, चंद घंटों की बची है ऑक्सीजन, खोजने में लगी है पूरी दुनिया
‘टाइटन’ तलाश अभियान : खत्म होने वाली है ऑक्सीजन, अभी तक अता-पता नहीं
Submarine missing: अटलांटिक महासागर में ऐतिहासिक टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के रास्ते में लापता हुई पर्यटक पनडुब्बी की तलाश के लिए वक्त रेत की तरह फिसलता जा रहा है और बृहस्पतिवार सुबह तक भी उसका कुछ अता-पता नहीं चला है।अटलांटिक महासागर में लापता पनडुब्बी में अब चंद घंटों की ऑक्सीजन बची हुई है।
लापता ‘सबमर्सिबल’ में पांच लोग सवार हैं। ये लोग एक सदी से भी अधिक समय पहले डूबे जहाज ‘टाइटैनिक’ के मलबे का दस्तावेजीकरण करने के अभियान पर निकले थे। इस पनडुब्बी पर सवार अन्य लोगों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पर्यटक पॉल-हेनरी नार्गियोलेट और ओशियनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश शामिल हैं।
दरअसल, यह पूरी पनडुब्बी चारों ओर से नट बोल्ट से सील है ताकि किसी भी तरह से पानी उसके अंदर नहीं जाने पाए। यही वजह है कि उसमें बैठे लोग उसे खोल नहीं सकते हैं। ऐसे में उसे सतह पर लाकर ही लोगों को निकाला जा सकता है। यह सबमरीन रविवार को रवाना हुई थी और करीब एक घंटे के बाद ही उसका संपर्क टूट गया था। अब पिछले 4 दिन से अटलांटिक समुद्र में विशाल इलाके को दुनियाभर के जहाज छान रहे हैं। इस बीच ताजा रिपोर्ट के मुताबिक केवल 5 घंटे का ही ऑक्सीजन सबमरीन में बचा हुआ है। इसे खोजने के लिए कई देश जी जान से जुटे हुए हैं। इन पांच यात्रियों के सुरक्षित लौटने के लिए दुनिया प्रार्थना कर रही है। तो आइए जानते हैं इस पनडुब्बी के बारे में।
The sound from TITAN 📣#OceanGate The five people stuck inside the Titanic submarine 🥺
— Abdullah Attique (@abooodddiii) June 21, 2023
Paul-Henry Nargeolet, 73
Stockton Rush, 61
Hamish Harding, 58
Shahzada Dawood, 48
Sulaiman Dawood, 19#TitanicRescue #titanicsubmarine #OceanGate #OceanGateExpeditions #submarinemissing pic.twitter.com/JftL3c6GU1
टॉयलेट और इलेक्ट्रॉनिक थ्रस्टर्स भी मौजूद
इस पनडु्ब्बी के अगले हिस्से में 380 एमएम का एक्रेलिक व्यूपोर्ट लगा हुआ है। इसके अलावा टाइटन पनडुब्बी के आगे के ऊपरी हिस्से में कैमरे भी लगाए गए हैं। ये कैमरे पनडुब्बी के अंदर बैठे लोगों को शानदार व्यू मुहैया कराते हैं। टाइटन पनडुब्बी के अगले हिस्से में एक टॉयलेट भी होता है, जिसमें प्राइवेसी के लिए दरवाजे की जगह पर्दा लगा हुआ है। इसमें चार इलेक्ट्रिक थ्रस्टर्स लगे हुए हैं, जिनमें दो वर्टिकल और हॉरिजेंटल हैं। ये थ्रस्टर्स पनडुब्बी को आगे-पीछे और ऊपर-नीचे जाने में मदद करते हैं। इस पनडुब्बी के पीछे के हिस्से में ऑक्सीजन टैंक और इलक्ट्रॉनिक्स उपकरण लगे हुए हैं। बड़ी बात यह है कि इस पनडुब्बी को चलाने के लिए पायलट एक गेम कंट्रोलर का इस्तेमाल करता है।
जानें बैठने के लिए कितनी कम्फर्टेबल है पनडुब्बी
22 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस पनडुब्बी में जो कक्ष है, वो 8 फीट का है। इसमें सभी 5 यात्री अंदर बैठे हैं। क्योंकि जितनी स्पेस है उस हिसाब से एकसाथ सटकर बैठना पड़ता है। आमतौर पर सतह से टाइटैनिक तक उतरने में 3 घंटे लगते हैं। इस दौरान रोशनी कम कर दी जाती है और यात्री एक बरामदे के माध्यम से पानी के नीचे की गतिविधि देख सकते हैं।
बचावकर्ताओं ने इस पनडुब्बी के लापता होने वाले स्थान पर और जहाज भेजे हैं ताकि दूसरे दिन इसकी तलाश के दौरान पानी के भीतर से आयी आवाज से उन्हें बचाव की दिशा तय करने में मदद मिले। टाइटन जब रविवार सुबह छह बजे अपनी यात्रा पर रवाना हुआ था तो चालक दल के पास केवल चार दिन के लिए ही ऑक्सीजन थी।
टाइटन पर सवार पांच पर्यटकों की सलामती की उम्मीद जताने वाले लोगों ने भी कई बाधाओं को लेकर आगाह किया है जिसमें पनडुब्बी की लोकेशन का पता लगाना, बचाव उपकरण के साथ उस तक पहुंचना तथा उसे सतह तक लाना शामिल है और यह सब कुछ पनडुब्बी में सवार यात्रियों की ऑक्सीजन आपूर्ति खत्म होने से पहले करना होगा। बचावकर्ता समुद्र में 13,200 फुट की गहराई में कनेक्टिकट से दोगुने क्षेत्र में बचाव अभियान चला रहे हैं।
फर्स्ट कोस्ट गार्ड डिस्ट्रिक्ट के कैप्टन जैमी फ्रेडरिक ने कहा कि प्राधिकारियों को अब भी पनडुब्बी पर सवार पांच यात्रियों को बचा लेने की उम्मीद है। समुद्र विज्ञानी डोनाल्ड मर्फी ने बताया कि उत्तर अटलांटिक महासागर में जिस जगह पर टाइटन रविवार को लापता हो गयी थी, वह धुंध और तूफान के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है जिससे वहां खोज एवं बचाव अभियान चलाना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।
इस बीच, ऐसे आरोप सामने आ रहे हैं कि पनडुब्बी के विकास के दौरान उसकी सुरक्षा को लेकर कई चेतावनियां दी गयी थीं। फ्रेडिरक ने बताया कि समुद्र से आयी आवाज से खोज का दायर सीमित करने का मौका मिला है लेकिन सटीक लोकेशन पता नहीं चली है।
उन्होंने कहा, ‘‘असल में हमें नहीं मालूम कि वह किस तरह की आवाज थी।’’ टाइटैनिक का मलबा देखने के इस अभियान का नेतृत्व कर रही कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक कारोबारी घराने के दो लोग और एक टाइटैनिक विशेषज्ञ इस पनडुब्बी पर सवार हैं। ओशियनगेट एक्सपीडिशंस इस अभियान की निगरानी कर रही थी।
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 और 2022 में टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए कम से कम 46 लोगों ने सफलतापूर्वक ओशियनगेट की पनडुब्बी में यात्रा की थी। टाइटैनिक का मलबा देख चुके जर्मनी के सेवानिवृत्त कारोबारी आर्थर लोइबल ने दो साल पहले की इस रोमांचकारी यात्रा को ‘‘कामीकेज (आत्मघाती) अभियान’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि धातु की कुछ मीटर लंबी एक ट्यूब होती है। आप खड़े नहीं हो सकते। आप घुटने के बल नहीं बैठ सकते। सभी एक-दूसरे से चिपककर बैठते हैं। आप के अंदर किसी संकरी जगह में बैठने का डर नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने बताया कि ऊर्जा बचाने के लिए पनडुब्बी में लाइट बंद कर दी जाती है और बस एक फ्लोरोसेंट ट्यूब से रोशनी आती है।
आर्थर ने बताया कि बैटरी में समस्या और संतुलित भार के कारण उनकी यात्रा में बार-बार देरी हुई और उसमें कुल 10.5 घंटे लगे। इस पनडुब्बी पर सवार यात्रियों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी नागरिक शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान और टाइटैनिक विशेषज्ञ पॉल-हेनरी नार्गियोलेट शामिल हैं।
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