बरेली: लिमिट दिलाने के नाम पर कारोबारी से चार लाख दस हजार की ठगी, तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
बरेली, अमृत विचार। व्यवसाय खाता खुलवाने और लिमिट दिलाने के नाम पर दो युवकों ने कारोबारी से चार लाख दस हजार रुपए की ठगी कर ली। घटना की जानकारी होने पर कारोबारी ने दोनों आरोपी समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
पीलीभीत बाइपास रोड के रहने वाले सत्य प्रकाश पुत्र सुंदरलाल पेपर कप, प्लेट और दोहने बनाने की मशीन बनाने और बेचने का काम करते हैं। उनका बालजती कुआं नवादा शेखान में ऑफिस है। कारोबारी ने बताया कि कुछ दिन पहले अतुल पांडे और विक्रम देव नाम के दो युवकों ने उनसे मुलाकात की। दोनों युवकों ने खुद को कोटक महिंद्रा बैंक का सेल्स एग्जीक्यूटिव बताया। दोनों आरोपियों ने कारोबारी और उनके बेटे प्रदीप को बैंक में खाता खुलवाने और उसमें लाखों रुपए की लिमिट दिलाने का झांसा दिया।
खाता खुलवाने और लिमिट दिलाने के नाम पर दोनों आरोपियों ने कारोबारी से उनके पहचान पत्र ब्लैंक चेक और जरूरी दस्तावेज ले लिए। दोनों आरोपियों ने कारोबारी के चेक के जरिए चार लाख दस हजार रुपये दिल्ली के एक बैंक में सिद्ध कुमार नाम के युवक के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। घटना की जानकारी होने पर कारोबारी ने पेमेंट होल्ड करा कर एसएसपी से पूरे मामले की शिकायत की। एसएससी के आदेश पर बारादरी पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी।
कारोबारी सत्य प्रकाश ने बताया कि 3 जून की दोपहर एक बजे उनके और उनके बेटे प्रदीप भारद्वाज के मोबाइल फोन के नेटवर्क चले गए। उन्हीं दोनों फोन के नेटवर्क गए थे जो उनकी फर्म और बैंक में लिंक थे। इसी को लेकर कारोबारी और उनके बेटे को शक हुआ तुरंत ही उन्होंने जियो और आइडिया कंपनी के ऑफिस में जाकर संपर्क किया। जहां उन्हें बताया गया कि उनका नंबर बंद करा दिया गया है। जिसके बाद दोनों बैंक पहुंचे जहां उन्हें लाखों रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत ही बैंक मैनेजर से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली और तीन लाख 50 हजार रुपये होल्ड करा दिया।
मोबाइल कंपनियों के कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का आरोप
कारोबारी ने बारादरी थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया है कि उनके आइडिया और जिओ के नंबर अचानक बिना किसी कारण के बंद कर दिए। जबकि उन्होंने अपने नंबर बंद कराने के लिए कोई भी शिकायत नहीं की थी। उन्होंने बताया कि दोनों मोबाइल कंपनियों के कर्मचारी ठगों के साथ मिले हुए हैं यही वजह है कि उनके मोबाइल नंबर बंद कर दिए। ताकि बैंक से लाखों रुपए निकलने का मोबाइल पर मैसेज ना पहुंचे।
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