Wrestlers' Protest : ट्रायल पर छिड़ा घमासान! साक्षी मलिक का योगेश्वर दत्त पर पलटवार, कहा- पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता है दुश्मन
नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय पहलवानों का धरना प्रदर्शन बेशक खत्म हो गया हो, लेकिन इससे जुड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब योगेश्वर दत्त के आरोपों को लेकर साक्षी मलिक ने एक चिट्ठी सार्वजनिक की है। यह चिट्ठी पहलवानों ने खेल मंत्री को लिखी थी, जिसमें एशियन गेम्स के लिए होने वाले ट्रायल्स को आगे बढ़ाने की मांग की गई है।
साक्षी मलिक ने ट्वीट कर बताया कि हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ़ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, क्योंकि पिछले 6 महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम प्रैक्टिस नहीं कर पाए। इस मामले की गंभीरता को हम समझते हैं इसलिए यह चिट्ठी आपसे साझा कर रहे। दुश्मन पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता है। उसे कामयाब न होने दें।
हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ़ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, क्योंकि पिछले 6 महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम प्रैक्टिस नहीं कर पाए.
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
इस मामले की गंभीरता को हम समझते हैं इसलिए यह चिट्ठी आपसे साझा कर रहे. दुश्मन पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता है.… pic.twitter.com/JYE0qkyT3j
इस चिट्ठी में कहा गया है कि रेस्लर प्रोटेस्ट में शामिल होने वाले कुछ पहलवानों को एशियन गेम्स 2023 और वर्ल्ड चैम्पियनशप 2023 के ट्रायल्स की तैयारी के लिए कुछ समय की जरूरत है। ट्रायल्स को 10 अगस्त के बाद शुरू करने का अनुरोध किया गया है। इस चिट्ठी के जरिए जिन पहलवानों ने ट्रायल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है, उनमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियां, संगीत फोगाट और जितेंद्र कुमार के नाम हैं। दरअसल ओलंपिक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने पहलवान योगेश्वर दत्त पर गलतबयानबाजी करने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि योगेश्वर दत्त गलत जानकारी दे रहे हैं।
गौहाटी उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूएफआई चुनावों पर रोक लगाई
गुवाहाटी। गौहाटी उच्च न्यायालय ने रविवार को असम कुश्ती संघ की याचिका पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के 11 जुलाई को होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी है। असम कुश्ती संघ ने डब्ल्यूएफआई, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति और खेल मंत्रालय के खिलाफ दायर याचिका में कहा कि वे डब्ल्यूएफआई से सदस्य के रूप में मान्यता के हकदार हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के गोंडा में 15 नवंबर 2014 को डब्ल्यूएफआई की आम परिषद को तत्कालीन कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। तदर्थ समिति ने मतदाता सूची के लिए नाम भेजने की आखिरी तारीख 25 जून तय की है जबकि नई संचालन संस्था के चयन के लिए चुनाव 11 जुलाई को होने हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि जब तक कि उनकी संस्था को डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिलती और वे मतदाता सूची के लिए अपने प्रतिनिधि को नामांकित नहीं कर पाते तब तक चुनाव प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। अदालत ने प्रतिवादियों डब्ल्यूएफआई की तदर्थ समिति और खेल मंत्रालय को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वे डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के चुनाव की प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ें। सुनवाई की अगली तारीख 17 जुलाई तय की गई है।
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