बाराबंकी : अयोध्या-लखनऊ रेल ट्रैक पर हुई मॉकड्रिल, ओडिशा जैसे रेल हादसे से किया अलर्ट
अमृत विचार, बाराबंकी । रेल संरक्षा एवं यात्री सुरक्षा के प्रति सजगता, रेलवे की तैयारियों एवं आपदा प्रबंधन के उपायों को जांचने के लिए बुधवार की देर रात अयोध्या लखनऊ रेलमार्ग पर डी. एस. ओ. सेफ्टी द्वारा मॉक ड्रिल किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात अयोध्या लखनऊ रेलमार्ग पर दरियाबाद व सैदखान पुर के बीच गेट संख्या 157/158 के समीप बीकापुर गाँव के निकट 14236 डाउन वाराणसी एक्सप्रेस के इंजन सहित चार डिब्बे पटरी से उतरने व एक दर्जन लोगों के हताहत होने की सूचना वाराणसी एक्सप्रेस में सफर कर रहे डी. एस. ओ. सेफ्टी ने लखनऊ मंडल कंट्रोल को दी। सूचना पर आपदा प्रबंधन टीम दुर्घटना राहत वाहन (ट्रेन) लखनऊ व अयोध्या से दरियबाद के लिये रवाना हुई।
घटना की जानकारी जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को दी गयी तो वह भी निकल पड़े। कंट्रोल से दरियाबाद रेलवे स्टेशन पर रात्रि ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर कालिका प्रसाद तिवारी को दी, व ट्रेंन के गार्ड से सम्पर्क स्थापित करने की बात कही गयी। स्टेशन मास्टर ने स्टेशन अधीक्षक विजय कुमार सिंह स्थानीय प्रसासनिक अमले को इसकी सूचना दी। सूचना पर दरियाबाद कोतवाली प्रभारी जगदीश प्रसाद शुक्ला अपने पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे।
वहीं सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर तैनात डॉक्टर भी हरकत में आ गए। सूचना पर एम्बुलेंस सहित क्षेत्र में गश्त पर रही पी आर वी पुलिस भी मौके पर स्टेशन पहुँची, फायर बिग्रेड की गाड़ी भी दरियाबाद स्टेशन पहुँची। ट्रेन दुर्घटना पर आधारित इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य भारत सरकार व राज्य सरकार के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न विभागों के बीच राहत व बचाव कार्य के दौरान कुशल समन्वय स्थापित करना था। रेल दुर्घटना के पश्चात रेलवे कंट्रोल रूम को सेफ्टी डी एस ओ यातायात के द्वारा सूचित किया गया और राहत व बचाव कार्य के लिए बुलाया गया।
दुर्घटना से बचने और विपरीत परिस्थितियों में प्रभावी रूप से निपटने के लिए रेलवे ऐसे मॉक ड्रिल के प्रति तीन माह में अभ्यास करता है। इस विषय पर दरियाबाद स्टेशन अधीक्षक विजय कुमार सिंह ने बताया रेलवे सुरक्षा के दृष्टिगत मॉक ड्रिल करता है। मॉक ड्रिल के दौरान ट्रेंन लगभग 55 मिनट तक खड़ी रही।
आपात स्थिति में नहीं उठा उपजिलाधिकारी का फोन
मार्क डील में जब दुर्घटना की सूचना दरियाबाद रेलवे स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर ने उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट राम आसरे वर्मा को देने को फोन लगाया तो उनका फोन नहीं उठा।
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