अयोध्या: सहादतगंज से नया घाट जाना, नाकों चने चबाना, रामपथ समेत कई मार्गों पर चलना हुआ मुश्किल
अगले पांच दिन बारिश का अनुमान, जलवानपुरा, जनौरा जैसे निचले इलाकों में खलबली
अयोध्या/अमृत विचार। जनपद में मानसून ने दस्तक दे दी है। गुरुवार से रुक-रुक कर शुरू हुई बारिश शुक्रवार को दिन भर जारी रही। बारिश के कारण जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल गई है वहीं शहर में जगह-जगह पर जलभराव और कीचड़ हो गया है। रामपथ समेत तमाम खोदे गए मार्गों पर चलना मुश्किल हो गया है।
लगातार हो रही बारिश से जलवानपुरा व जनौरा जैसे निचले इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में आ गए हैं और शिफ्टिंग का कार्य शुरू कर दिया है। किसानों के लिए यह बारिश संजीवनी बन कर बरस रही है। खरीफ की फसलों के लिए ज्यादा लाभकारी बताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले चार से पांच दिन लगातार बारिश होने की संभावना है। शनिवार और रविवार को तेज बारिश का अनुमान जताया है।
बारिश ने सहादतगंज से अयोध्या नयाघाट तक बन रहे रामपथ को कीचड़ और जलभराव से लथपथ कर दिया है। बारिश से पहले रामपथ को चलने लायक बना देने के निर्माण एजेंसी के सारे दावे धरे के धरे रह गए। वहीं मानसून की आमद से पहले शुरू हुई प्रशासन द्वारा वैकल्पिक यातायात की व्यवस्था भी जमीन पर नहीं उतरी। नतीजा अब रामपथ पर चलना दुर्घटना को न्यौता देने से कम नहीं है। शुक्रवार को हालात यह रहे कि जैसे - तैसे लोग आते जाते रहे। कई स्थानों पर जहां कीचड़ में ई- रिक्शे पलटते बचे वहीं आधा दर्जन बाइक सवार फिसल कर गिर पड़े।
जिम्मेदारों की अनदेखी और निर्माण एजेंसी की लापरवाही के चलते निमार्णाधीन रामपथ जबरदस्त जलभराव और कीचड़ से पूरी तरह सन ही गया। लगातार बारिश के कारण सहादतगंज से अयोध्या नयाघाट तक इस मार्ग से होकर जाना जान जोखिम में डालना है। स्थिति यह है कि सहादतगंज से टीवी टावर चौराहे तक बलुई मिट्टी पूरे मार्ग पर बिखर गई है और कीचड़ हो गया है। चार पहिया वाहन तो किसी तरह निकल रहे हैं लेकिन बाइक और ई-रिक्शा के लिए खतरा है। सबसे खतरनाक हालात रिकाबगंज चौराहे से नियावां होकर साहबगंज तक के है।

रिकाबगंज चौराहे से आगे बढ़ने के बाद जरा सी भी चूक आपको अस्पताल पहुंचा सकती है। यहां दोनों ओर खोदे गए नालों से निकली मिट्टी के ढेर आने-जाने वालों के लिए संकट बन गए हैं। किसी तरह नियावां चौराहे तक पहुंच भी गए तो वहां से सहादतगंज जाने के लिए आपको नाको चने चबाने पड़ेगें। नियावां से लेकर साहबगंज तक करीब चार किलोमीटर की सड़क दलदल में तब्दील हो गई है।
आईसीआईसीआई बैंक के सामने दो ई - रिक्शा पलटने से तो बच गए, लेकिन सवारियां कीचड़ में फंस गई। पैर धंस गया तो बिना चप्पल और जूते छोड़े बाहर नहीं निकल सकता है। तरंग रोड पर जलभराव और कीचड़ का फैलाव ऐसा जबरदस्त है कि पार हो गए तो ईश्वर की कृपा मानिए। अंगूरीबाग, गुदड़ीबाजार और फिर सीतापुर नेत्र चिकित्सालय चौराहे से साहबगंज गंदा नाला तक की भी बुरी दशा है। अमानीगंज से आगे उदया चौराहे के भी यही हालात हैं। लोगों का कहना है कि बारिश से पहले चलने लायक स्थिति कर देनी चाहिए थी लेकिन नहीं की गई।
बारिश के चलते निर्माण एजेंसी का कार्य भी हुआ ठप
बारिश के चलते निर्माण एजेंसी के कार्य पर भी संकट आ गया है। गुरुवार रात से हो रही बारिश के कारण शुक्रवार को सहादतगंज से लेकर अयोध्या नयाघाट तक पूरी तरह से काम ठप रहा। बताया जा रहा है कि लगातार बारिश होती रही तो डक्ट को बंद करने और सीवर लाइन में पाइप बिछाने का काम नहीं हो सकता है। वहीं इधर मजदूरों की संख्या भी कम हो गई है। बता दें कि रोड काटे जाने के बाद गुदड़ीबाजार से खवासपुरा तक काम पहले से ही बंद था अब बारिश से पूरी सड़क पर असर पड़ा है। निर्माण एजेंसी आर एंड सी के इंजीनियर प्रदीप शुक्ल ने बताया कि बारिश के कारण शुक्रवार को काम नहीं हुआ। रुक गई तो दिन का काम रात को कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बारिश तक कार्य पर असर पड़ना स्वाभाविक है।
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