Chitrakoot: रोजबरोज बढ़ रही कीमतों से घर चलाना हो रहा मुश्किल, महंगाई से 'लाल' हो रहा टमाटर, गृहणियों के माथे पर बल

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Published By Nitesh Mishra
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चित्रकूट में सब्जियों के रोजबरोज बढ़ रही कीमतों से घर चलाना हो रहा मुश्किल।

चित्रकूट में सब्जियों और रसोई की अन्य चीजों की कीमतें रोजबरोज बढ़ने से गृहणियों के सामने घर की रसोई की जिम्मेदारी संभालनी कठिन से कठिनतर होती जा रही है।

चित्रकूट, अमृत विचार। कीमतें कम होने के दावे जमीनी हकीकत से जुदा है। सब्जियों और रसोई की अन्य चीजों की कीमतें रोजबरोज बढ़ने से गृहणियों के सामने घर की रसोई की जिम्मेदारी संभालनी कठिन से कठिनतर होती जा रही है। इनका कहना है अगर यही हाल रहा तो आगे क्या होगा, भगवान ही जानता है। 

बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। सबसे ज्यादा रंग तो टमाटर ने दिखाया है। कुछ ही दिन पहले दस से बीस रुपये किलो तक बिकने वाला टमाटर अब बाजार में 100 से 120 रुपये किलो तक पहुंच गया है और रोजाना इसकी कीमत बढ़ रही है। आलू के बाद टमाटर ऐसी सब्जी है, जिसकी रसोईघर में सबसे ज्यादा मांग होती है। इसके अलावा भिंडी,  नेनुआ (तरोई),  लौकी आदि सब्जियां भी महंगी बिक रही हैं।

अरहर की दाल में भी लगी आग 

दालों की कीमत में भी लगातार इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा आग तो अरहर की दाल में लगी है। दो-तीन महीने पहले 80 से 90 रुपये किलो बिकने वाली अरहर दाल अब गरीबो की थाली से गायब होती जा रही है। इसकी कीमत फुटकर में 140 से 150 रुपये किलो तक पहुंच रही है। मूंग,  उड़द एवं चना की दालों के मूल्य भी तेजी से बढ़ रहे हैं। राजापुर प्रतिनिधि के अनुसार, किसान रामनरेश द्विवेदी, भभेंट के छेदीलाल तिवारी, रगौली के ओमप्रकाश मिश्रा, खटवारा के गयाप्रसाद शुक्ला आदि का कहना है कि बड़े व्यापारियों द्वारा जमाखोरी, मुनाफाखोरी के चक्कर में दालों का भारी स्टॉक कर लेने के कारण दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं जिससे गरीबों की रसोई में दाल नहीं पकती है।

महंगाई में घर चलाना मुश्किल- प्रियंका

गृहणी प्रियंका का कहना है कि इस महंगाई में घर चलाना मुश्किल हो गया है। हर चीज में जैसे आग लगी है। पहले जो टमाटर 20 रुपये किलो मिलता था वह आज 100-120 में मिल रहा है। 15 दिनों में महज एक बार टमाटर 250 ग्राम खरीदा है, 20 रुपये का,  उसके बाद से अभी तक नहीं लिया। हरी सब्जी खाकर काम चला रहे हैं।

थाली से दूर हो रहा टमाटर- वंदना

ट्रांसपोर्ट नगर की निवासी वंदना ने कहा कि टमाटर ऐसी सब्जी है, जिसे सलाद में भी खाया जाता है पर अब यह मुश्किल सा हो गया है। टमाटर के बढ़ रहे दाम से यह थाली से गायब होता जा रहा है।  टमाटर, टमाटर कम सोना ज्यादा हो गया है। पहले 20 किलो हुआ करता था लेकिन आज का भाव 140 किलो है। इस से अच्छा है कि हम लोग कुछ दिन टमाटर ना ही खाएं।

सब्जी का जायका घट रहा- नीता

पुरानी बाजार की नीता साहू कहती हैं कि टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं और टमाटर भी ठीक नहीं मिल रहे हैं। महंगाई में जायका भी घटता जा रहा है। जो टमाटर पहले हम 1 किलो दो किलो लेते थे आज हमको आधा किलो या 250 ग्राम ही लेना पड़ रहा है। आलम यह है कि सब्जी अब घर में टमाटर की बहुत कम ही बनती है।

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