महाराष्ट्र दलबदल विवाद, ठाकरे धड़े फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, की याचिका दायर

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे(यूबीटी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य विधायकों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेने का निर्देश देने के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की।

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शीर्ष अदालत के समक्ष पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने एक नयी रिट याचिका दायर कर लंबित अयोग्यता की कार्यवाही पर निर्णय लेने में अध्यक्ष पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। इसके साथ ही याचिका में अयोग्यता पर एक निश्चित अवधि और हो सके तो दो सप्ताह के भीतर कोई फैसला करने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।

रिट याचिका में दावा किया गया है कि अयोग्यता की कार्यवाही पर निर्णय लेने में विधानसभा अध्यक्ष की निष्क्रियता संवैधानिक नजरिए से गंभीर अनुचित कार्य है, क्योंकि इससे अयोग्य ठहराए जाने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित कई विधायकों को विधानसभा और जिम्मेदार पदों पर बने रहने की अनुमति मिल गई है।

शिवसेना(यूबीटी) ने अपनी ताजा याचिका में तर्क दिया कि विधानसभा अध्यक्ष ने 23 जून 2022 से लंबित अयोग्यता याचिकाओं के संबंध में कोई बैठक नहीं बुलाई है, जबकि सर्वोच्च संविधान पीठ के 11 मई 2023 के आदेश के बाद उन्हें तीन प्रतिनिधिमंडल भेजे गए थे।

इनमें उन्हें निर्णय एक उचित अवधि के भीतर करने को कहा गया था। याचिका में यह भी कहा गया कि शीर्ष अदालत के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश जारी करना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है कि दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के प्रावधान केवल अध्यक्ष की निष्क्रियता के कारण निष्प्रभावी न हो जाएं।

याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे उपाध्यक्ष के समक्ष 23 जून 2022 को कुल 16 अयोग्यता याचिकाएं दायर की गईं थीं। इसी के मद्देनजर 25 जून 2022 को उपाध्यक्ष द्वारा नोटिस जारी किए गए, जिसमें बागी विधायकों को 27 जून 2022 तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने 27 जून 2022 को अपने आदेश द्वारा मुख्यमंत्री शिंदे और भरत गोगावले और अन्य (समान स्थिति वाले) विधायकों को जुलाई 2022 तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया था। स्थिति यह है कि आज तक (4 जुलाई 2023 तक) कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।

इस प्रकार इन 16 याचिकाओं में जवाब दाखिल करने का समय समाप्त हो गया। यह घटनाक्रम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार और आठ अन्य विधायकों (ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के एक अन्य घटक) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से श्री शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के कुछ दिनों के भीतर आया है। 

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