Asian Championship : एथलीट तेजिंदरपाल ने एशियाई चैम्पियनशिप का खिताब बरकरार रखा, पारुल चौधरी ने भी स्वर्ण पदक जीता
बैंकॉक। भारतीय गोला फेंक एथलीट तेजिंदरपाल सिंह ने शुक्रवार को यहां एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखते हुए महाद्वीपीय सर्किट में अपना आधिपत्य स्थापित किया। हालांकि दूसरे थ्रो में सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बाद वह लंगड़ाते हुए बाहर आये। एशियाई रिकॉर्डधारी तूर ने दूसरे थ्रो में 20.23 मीटर की दूरी पर गोला फेंका लेकिन इस प्रयास के बाद वह ‘ग्रोइन’ हिस्से में चोट से लंगड़ाते हुए बाहर आये। इसके बाद उन्होंने कोई थ्रो नहीं किया। ईरान के साबेरी मेहदी (19.98 मीटर) ने रजत पदक और कजाखस्तान के इवान इवानोव (19.87 मीटर) ने कांस्य पदक अपने नाम किया।
Asian Record Holder @Tajinder_Singh3 becomes the latest entrant of 🇮🇳's Gold Medal Club at the Asian Athletics Championships 2023 🥳
— SAI Media (@Media_SAI) July 14, 2023
The #TOPSchemeAthlete produced a throw of 20.23m in Men's Shot Put Final Event & secured 🥇for 🇮🇳
Well done Champion! Keep making 🇮🇳 proud 🥳👏 pic.twitter.com/KGp3SkFQzA
पारुल चौधरी ने बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना पहला 3000 मीटर स्टीपलचेस खिताब हासिल किया जिससे भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या पांच हो गई। लंबी कूद की युवा एथलीट शैली सिंह ने भी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना पहला पदक रजत के रूप में हासिल किया। इससे भारत के लिये यह दिन शानदार रहा। भारत ने अभी तक नौ पदक जीत लिये हैं जिसमें पांच स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। बुधवार को एक कांस्य पदक के बाद भारत ने गुरुवार को तीन स्वर्ण और दो कांस्य पदक अपनी झोली में डाले थे।
Parul Chaudhary grabs another🥇for 🇮🇳 at the Asian Athletics Championships 🥳
— SAI Media (@Media_SAI) July 14, 2023
The NCOE @SAI_Bengaluru camper clocked a time of 9:38.76 in Women's 3000m Steeplechase Final to mark this feat.
Keep shining Parul! More power to you💪🏻👏 pic.twitter.com/O1U9YJxGN6
एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सभी विजेताओं के पास हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप (19 से 27 अगस्त) के लिए क्वालीफाई करने का मौका है। विश्व चैम्पियनशिप के क्वालीफाइंग मापदंड के अनुसार महाद्वीपीय चैम्पियन सीधे इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं बशर्ते विश्व रैंकिंग के आधार पर इसी स्पर्धा में उसी क्षेत्र से कोई बेहतर खिलाड़ी शामिल नहीं हो।
तूर गोला फेंक स्पर्धा में जीत के प्रबल दावेदार थे। उन्होंने 19.80 मीटर के प्रयास के बाद दूसरे प्रयास में 20.23 मीटर दूर गोला फेंका। तूर (28 वर्ष) एशियाई चैम्पियनशिप खिताब कायम रखने वाले तीसरे गोला फेंक एथलीट बन गये हैं। कतर के बिलाल साद मुबारक ने 1995 और 1998 तथा 2002 और 2003 में दो बार लगातार स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि दो बार अपने नाम की है।
कुवैत के मोहम्मद घारिब अल जिंकावी ने लगातार तीन बार 1979, 1981 और 1983 में पहला स्थान हासिल किया था। सात भारतीयों ने इससे पहले एशियाई चैम्पियनशिप में गोला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता है। अभी तूर की चोट की गंभीरता का पता नहीं चल सका है लेकिन यह उनके लिए चिंता का विषय हो सकती है क्योंकि एक महीने बाद बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप शुरु हो रही है। तूर ने को बायीं कलाई में पट्टी बांधकर हिस्सा लिया था, उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘हां, मुझे दर्द हो रहा था इसलिये मैंने और प्रयास नहीं किये।
’’ तूर ने पिछले महीने भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय चैम्पियनशिप में 21.77 मीटर नये एशियाई रिकॉर्ड थ्रो से विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था। वह ‘ग्रोइन’ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण 2022 विश्व चैम्पियनशिप में नहीं खेल पाये थे और यह चोट उन्हें टूर्नामेंट से पहले ही लगी थी जिसके कारण वह बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में भी हिस्सा नहीं ले सके थे। तोक्यो ओलंपिक के तुरंत बाद तूर ने अपनी ‘थ्रो’ करने वाले बायीं बाजू की कलाई की सर्जरी भी करायी थी।
इस साल के शुरु में अमेरिका में ट्रेनिंग करने वाली 28 वर्षीय पारूल चौधरी ने नौ मिनट 38.76 सेकेंड के समय से आसान जीत हासिल की। उनका यह समय उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ नौ मिनट 29.51 सेकेंड के समय से बेहतर रहा। चीन की शुआंगशुआंग जू (नौ मिनट 44.54 सेकेंड) और जापान की योशिमुरा रेमी (9:48.48) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा 2007 में ही शुरु की गयी थी जिसमें भारत का दबदबा रहा है। सुधा सिंह ने 2013 और 2017 तथा ललिता बाबर ने 2018 में देश के लिए स्वर्ण पदक जीते थे।
पारूल चौधरी 2017 और 2019 में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रही थीं। उन्होंने 2019 में 5000 मीटर स्पर्धा का कांस्य पदक भी जीता था, इस स्पर्धा में उनके नाम राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। वह गैर ओलंपिक 3000 मीटर स्पर्धा में भी राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी हैं। महान एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज की शिष्या 19 वर्षीय शैली का यह सीनियर स्तर पर पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था जिसमें उन्होंने रजत पदक जीता।
उन्होंने 2021 में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। शैली ने 6.54 मीटर के पहले प्रयास से दूसरा स्थान हासिल किया। वह पहले आगे चल रही थी लेकिन जापान की सुमिरे हाता ने 6.97 मीटर के प्रयास से पहला स्थान हासिल किया। चीन की झोंग जियावेई ने 6.46 मीटर की कूद से कांस्य पदक हासिल किया। एक अन्य भारतीय एंसी सोजान 6.41 मीटर के प्रयास से चौथे स्थान पर रहीं। भारत ने 2019 के चरण में 16 पदक जीते थे जिसमें दो स्वर्ण, सात रजत और सात कांस्य पदक शामिल थे।
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