मुख्य कोच नहीं होने पर स्मृति मंधाना ने कहा- कभी कभार यह फायदेमंद होता है
मीरपुर। पिछले छह महीनों से मुख्य कोच के बिना खेल रही भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान स्मृति मंधाना ने इसके अच्छे पहलू को देखने पर तरजीह देते हुए कहा कि कोचिंग स्टाफ में अलग-अलग सदस्यों से गुर सीखना फायदेमंद होगा। पिछले साल दिसंबर में रमेश पोवार को बर्खास्त किये जाने के बाद से महिला क्रिकेट टीम बिना मुख्य कोच के खेल रही है। टीम ने कोचिंग स्टाफ के प्रमुख के बिना ही फरवरी में टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया था।
मंधाना ने बांग्लादेश के खिलाफ भारत के तीसरे वनडे से पहले आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बीसीसीआई कोच ढूंढ रहा है और हमारे पास जल्द ही मुख्य कोच होगा। उन्होंने कहा, लेकिन यह खिलाड़ियों के लिए इतनी बड़ी चीज नहीं है। हम सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना चाहते हैं। कोचिंग स्टाफ में सभी वास्तव में काफी मदद करते हैं। मंधाना ने कहा, कभी कभार यह फायदेमंद होता है, नया कोचिंग स्टाफ नये ‘टिप्स’ और नयी योजना के साथ आयेगा। अगर मैं इसे सकारात्मक तौर पर लूंगी तो यह अच्छी चीज है।
अप्रैल में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टाफ को लंबे समय के लिये अनुबंधित करने का फैसला किया था। घरेलू क्रिकेट के दिग्गज अमोल मजूमदार के भारतीय महिला क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनने की संभावना है।
मंधाना ने कहा, बतौर टीम यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हमारे चारों ओर क्या हो रहा है। बल्कि ज्यादा अहम यह है कि हम किस तरह का क्रिकेट खेल रहे हैं। हमें श्रृंखला खत्म होने का इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या होताा है। मंधाना बांग्लादेश के इस मौजूदा दौरे पर रन बनाने में जूझ रही हैं, वह तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में कुल 52 रन ही बना सकी थीं जबकि पहले और दूसरे वनडे में उन्होंने क्रमश: 11 और 36 रन बनाये थे। इस पर उन्होंने कहा, मैं नेट में अच्छी बल्लेबाजी कर रही हूं और मैचों में मुझे शुरुआत मिल रही है। अक्सर ऐसा कम ही होता है कि मैं गेंद खेल रही हूं पर टीम के लिए रन नहीं बना पा रही हूं लेकिन मैं इस पर काम कर रही हूं।
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