मणिपुर हिंसा: नगा संगठनों ने की महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में तत्काल न्याय की मांग

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Published By Om Parkash chaubey
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इंफाल। मणिपुर के कई नगा संगठनों ने चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराए जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मामले में तत्काल न्याय किया जाना चाहिए। यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने मणिपुर सरकार से कहा कि तुरंत न्याय के लिए मामले को त्वरित अदालत में ले जाया जाना चाहिए।

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यूएनसी ने एक बयान में कहा, "सरकार को ऐसे अमानवीय अपराध में शामिल सभी लोगों को तत्काल न्याय की जद में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।" वायरल हुई वीडियो क्लिप का जिक्र करते हुए संगठन ने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है। यूएनसी ने कहा कि इस पाशविक कृत्य ने लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया है और ऐसे अपराध में शामिल लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जा सकती।

मणिपुर के नगा आम तौर पर उस हिंसा से दूर रहे हैं जिसने इस पूर्वोत्तर राज्य के हालात बिगाड़ दिए हैं। इस बीच, ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन मणिपुर (एएनएसएएम) ने घटना को ‘‘घृणित कृत्य’’ करार देते हुए कहा कि वर्तमान समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है।

छात्र संगठन ने कहा कि वह इस बर्बर कृत्य की निंदा करता है और संबंधित अधिकारियों से आग्रह करता है कि सभी अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय की जद में लाया जाए तथा देश के कानून के मुताबिक उचित सजा दी जाए।

नगा पीपुल्स फ्रंट की मणिपुर इकाई ने घटना को अक्षम्य कृत्य करार देते हुए कहा कि यह माताओं और बहनों को सर्वोच्च सम्मान देने की सदियों पुरानी परंपरा का पूरी तरह से उल्लंघन है। इस बीच, घटना के विरोध में शनिवार को चुराचांदपुर में विरोध रैलियां निकाली गईं और कुकी क्षेत्रों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की गई। 

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