झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा मणिपुर के मुद्दे पर राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हिंसा प्रभावित मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ ‘‘अकथनीय अत्याचार’’ पर दुख व्यक्त किया और उनसे पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
ये भी पढ़ें - हाजीपुर से लड़ूंगा लोकसभा चुनाव, राजग स्वीकार नहीं करेगा चिराग का दावा: पशुपति कुमार पारस
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के कुछ दिन बाद सोरेन ने पत्र में कहा कि देश मणिपुर में आदिवासियों के साथ ‘‘बर्बर तरीके’’ का व्यवहार नहीं होने दे सकता। सोरेन ने कहा, ‘‘क्रूरता के सामने चुप्पी एक भयानक अपराध है, इसलिए मैं आज मणिपुर में हिंसा पर भारी मन और गहरी पीड़ा के साथ आपको पत्र लिखने के लिए मजबूर हूं...मैं मणिपुर के बिगड़ते हालत, महिलाओं के खिलाफ अकथनीय अत्याचार और यौन शोषण को लेकर बहुत व्यथित और चिंतित हूं।’’
सोरेन ने पत्र में कहा कि मणिपुर ‘‘दो महीने से जल रहा है, दिल दहला देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं’’ और पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में अभूतपूर्व गिरावट’’ आई है। झारखंड के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा ‘‘मुद्दे को दरकिनार करने, मीडिया की आवाज को दबाने’’ का हताशापूर्ण प्रयास किया जा रहा है।
सोरेन ने कहा, ‘‘मणिपुर और भारत के सामने आने वाले संकट के इस सबसे कठिन समय में हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों और भारत के सभी नागरिकों को रोशनी दिखा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड के मुख्यमंत्री और इस देश के एक चिंतित नागरिक के रूप में, मैं मणिपुर के हालात से बहुत व्यथित और चिंतित हूं, जहां सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान चली गई।
संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ, अकथनीय यातना और महिलाओं का यौन शोषण, विस्थापन और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की गंभीर भावना पैदा हो गई है।’’ सोरेन ने पत्र में कहा, ‘‘दो दिन पहले सोशल मीडिया पर मणिपुर से महिलाओं पर अकथनीय बर्बरता दिखाने वाले एक वीडियो ने हम सभी को गहराई से झकझोर दिया है।’’
मणिपुर में तीन मई से इंफाल घाटी में केंद्रित बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी कुकी के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं। दोनों समुदायों के बीच हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे संविधान द्वारा गारंटी प्रदत्त मानव जीवन और गरिमा के सिद्धांत पूरी तरह से तार-तार होते प्रतीत होते हैं।’’
सोरेन ने कहा कि एक समाज को ‘‘कभी भी उस बिंदु तक नहीं पहुंचना चाहिए जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े’’ जो मणिपुर में सामने आई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि मणिपुर में बच्चों सहित 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।
सोरेन ने देश का नाम रोशन करने वाले थोइबा सिंह, कुंजुरानी देवी, रेनेडी सिंह, डिंग्को सिंह, मीराबाई चानू, सरिता देवी और मैरी कॉम जैसी हस्तियों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि मणिपुर की शांति न केवल राज्य और उसके लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है। जनजाति बहुल राज्य मणिपुर अपनी जीवंत संस्कृति और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जाना जाता है।’’
सोरेन के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास ने सवाल किया, ‘‘झारखंड के मुख्यमंत्री तब क्यों चुप थे जब राज्य में एक आदिवासी महिला की बेरहमी से हत्या कर दी गई और एक छात्र को जिंदा जला दिया गया, जबकि एक आदिवासी लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसे दुमका में एक पेड़ से लटका दिया गया।’’
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दास ने सवाल किया, ‘‘क्या हेमंत सोरेन इन घटनाओं का समर्थन करते हैं? उन्हें झारखंड की बेटियों की चीख क्यों नहीं सुनाई दी? इतने गंभीर मुद्दे पर राजनीति करने से पहले उन्हें थोड़ी शर्म तो करनी ही चाहिए।’
ये भी पढ़ें - ओडिशा: मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बने देश के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवाएं देने वाले मुख्यमंत्री
