रुद्रपुर: 56 माह बाद अपनी कुर्सी में विराजमान हुए मेयर रामपाल

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। आखिरकार 56 माह बाद मेयर रामपाल सिंह अपनी कुर्सी पर विराजमान हो गये। नजूल भूमि पर लोगों को मालिकाना हक दिलाने का रास्ता साफ होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मेयर को उनकी कुर्सी पर बैठाया। साथ ही उन्हें आगे भी इसी दृढ़ निश्चय के साथ काम करने को कहा।

दरअसल वर्ष 2018 में मेयर रामपाल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। इस दौरान उन्होंने आम जनता से नजूल की भूमि पर मालिकाना हक दिलाने का वादा करते हुए वादा पूरा होने तक कुर्सी पर नहीं बैठने का संकल्प लिया था। इसके अलावा अन्य वादे भी किए थे। अन्य वादे तो धीरे-धीरे पूरे हो गये, लेकिन मालिकाना हक दिलाने का वादा पूरा नहीं हुआ था। इस दौरान मेयर ने अपनी कुर्सी में संकल्प पत्र रखा था, जबकि बगल की कुर्सी पर बैठकर अपना काम निपटा रहे थे।
मेयर 8 बार मुख्यमंत्री और 10 बार शहरी विकास मंत्री से मिले। इस बीच 2021 में प्रदेश में नजूल नीति लाई गई, लेकिन गरीब परिवारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। वहीं कुछ समय पहले कैबिनेट में 50 वर्ग मीटर तक जमीन पर निशुल्क मालिकाना हक के प्राविधान को मंजूरी दी है। इस मंजूरी के बाद करीब 56 माह बाद मेयर अपनी कुर्सी पर बैठे। कार्यक्रम के दौरान मेयर को सीएम धामी ने कुर्सी पर बैठाया।

कुर्सी में बैठते ही छलके मेयर के आंसू 
रुद्रपुर। नगर निगम में कार्यक्रम के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधायक शिव अरोरा के साथ मेयर रामपाल को कुर्सी पर बैठाया तो अपने आंसू रोक नहीं पाये। इसके बाद सीएम धामी ने उनका उत्साह बढ़ाया। साथ ही मेयर को इसी तरह आगे भी कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।

उत्तराखंड में लाखों लोग नजूल की भूमि में रहते हैं। शहर के लोगों को मालिकाना हक दिलाने का लोगों से वादा किया था। सीएम ने यह रास्ता साफ किया है। वरना उनका कुर्सी में बैठने का सपना अधूरा रह जाता। वह पिछले 56 माह से कई बार मुख्यमंत्री और कई बार शहरी विकास मंत्री से मिल चुके थे। अब जाकर उनका सपना पूरा हुआ है।
-रामपाल, मेयर, रुद्रपुर नगर निगम

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