हल्द्वानी: कुछ नामचीन लोग रच रहे हैं माही के घर में लगे सीसीटीवी की डीवीआर को जमींदोज करने की साजिश

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। मामला अंकित की हत्या की है और इस हत्याकांड का संबंध गिरफ्त में आ चुके पांच हत्यारोपियों के अलावा कई लोगों से भी हैं। हत्याकांड के आगे और पीछे का सारा कच्चा चिट्ठा माही के घर में लगे सीसीटीवी के डीवीआर में कैद और डीवीआर गायब है। डीवीआर कहां है, किसी को नहीं पता, लेकिन सूत्र कहते हैं कि डीवीआर गायब नहीं हुआ हुआ, बल्कि उसे गायब कर दिया गया है।
माही की फेसबुक और उसका अन्य सोशल मीडिया एकाउंट उसके ऊंचे ताल्लुकात की कहानी कह रहा है। इस कहानी का सच माही के घर के सीसीटीवी में है। हत्या से पहले माना जा रहा था कि माही के घर का ताला जिस दिन खुलेगा, उसी दिन सीसीटीवी की डीवीआर कई गहरे राज से पर्दा उठाएगा। हालांकि हत्या के बाद जब पुलिस सपेरे रमेश नाथ को माही के घर लेकर पहुंची तो पता लगा कि सीसीटीवी की डीवीआर गायब है।
माना गया कि हत्या का सुबूत डीवीआर में कैद है और माही फरार होने से पहले उसे भी अपने साथ ले गई। 23 जुलाई को जब उसे रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया तो कहानी बदल गई। माही ने मीडिया के सामने यह बयान नहीं दिया, लेकिन पुलिस ने बताया कि माही ने पूछताछ में बताया है कि अंकित की हत्या से एक महीने पहले ही डीवीआर खराब हो गया था।
तभी उसने डीवीआर बनाने के लिए अंकित को दिया था और अब अंकित दुनिया में ही नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि जब अंकित जिंदा ही नहीं है तो कौन बताएगा कि डीवीआर कहां है। क्योंकि पुलिस ने माही के बयान का हवाला देकर अपना पल्ला तो झाड़ लिया है।
तो काले पड़ जाएंगे बड़े-बड़े शरीफ चेहरों के रंग
हल्द्वानी : सफेदपोश, व्यवसायी और रसूखदारों में गहरी पैठ रखने वाली माही के पास छिपाने को अब कुछ नहीं है। सूत्र कहते हैं कि छिपाने के लिए अब सफेदपोश, व्यवसायी और रसूखदारों के पास अपनी इज्जत है और ये इज्जत डीवीआर में कैद है। अगर ये डीवीआर मिल जाए तो बड़े-बड़े शरीफ चेहरों के रंग काले पड़ जाएंगे और यही वजह है कि डीवीआर गायब है। इस पर यह भी कहा जा रहा है कि डीवीआर अंकित के पास थी और अब अंकित इस दुनिया में नहीं है। सूत्र कहते हैं कि डीवीआर को उन लोगों ने गायब करा दिया, जिन्हें अपनी खोखली इज्जत जाने का डर है।