अनूठी पहल : यहां छात्रों को गलती करने पर मिलती है पौधरोपण की जिम्मेदारी 

केंद्रीय विद्यालय में 2017 में बच्चों की लड़ाई को जमीन दोष करने से हुई थी पौधरोपण की शुरुआत

अनूठी पहल : यहां छात्रों को गलती करने पर मिलती है पौधरोपण की जिम्मेदारी 

केंद्रीय विद्यालय परिसर में लगे पेड़-पौधे।

मुरादाबाद, अमृत विचार। केंद्रीय विद्यालय में 2017 में बच्चों की लड़ाई को जमीन दोष करने के लिए उनसे पौधरोपण कराया गया था। तभी से यहां बच्चों को गलती करने पर पौधरोपण करने का दंड दिया जाता है। यहीं नहीं सभी विशेष मौकों पर यहां पौधरोपण किया जाता है। जिससे विद्यालय परिसर में चारों और हरियाली देखने को मिल रही है। 

वैसे तो बच्चों को लड़ाई या गलती करने पर स्कूलों में उन्हें विभिन्न प्रकार से दंडित किया जाताहै। लेकिन, केंद्रीय विद्यालय में एक अनोखी परम्परा चल आ रही है। 2017 में यहां दो बच्चों में आपस में लड़ाई हो गई थी। जिसके बाद प्राचार्य विजेश कुमार ने बच्चों की लड़ाई को समाप्त कराते हुए दंड स्वरूप उनसे पौधरोपण कराया। तभी से यहां बच्चों से गलती कराने पर पौधरोपण कराया जाता है। यहीं नहीं जन्मदिन, अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आदि विशेष मौकों पर यहां पौधरोपण कराया जाता है।

अब स्कूल में हो रहा सुंदर वाटिकाओं का निर्माण
स्कूल में अब सुंदर वाटिकाओं का निर्माण हो रहा है। इस समय यहां बच्चों द्वारा सौदर्य, पोषण, हरशृंगार, चंपा आदि वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। इससे स्कूल में चारों और खुशबू और सुंदर वातावरण बन रहा है। प्राचार्य विजेश कुमार ने बताया कि बच्चे व अन्य अतिथि पौधरोपण जरूर करते हैं। लेकिन, इनकों सुंदर बनाने में माली दिनेश और उमेश का भी बहुत बड़ा योगदान है। इनकी मेहनत के दम पर ही आज यह संभव हो पाया है।

प्रार्थना स्थल के चारों ओर लगवाईं पिलखन 
यहां पहले बच्चों को तेज धूप में प्रार्थना करनी पड़ती थी। लेकिन, प्राचार्य ने पौधरोपण कराने के क्रम में यहां कुछ वर्षों पहले 15 पिलखन लगवाई थी। आज यह पिलखन बड़ी हो गई है। इनसे प्रार्थना स्थल पर पेड़ों की छांव रहती है। इससे बच्चों को तेज धूप से राहत मिलती है। यहीं नहीं यहां पर बरगद, पीपल, आंवला आदि के पेड़ भी देखने को मिलते हैं। 

जब मैं यहां आया था। तब स्कूल में चारों और धूल मिट्टी ही देखने को मिलती थी। फिर मैंने बच्चों की लड़ाई और खास मौकों पर  विद्यालय परिसर में पौधरोपण कराना शुरू किया। आज स्कूल में चारों और हरियाली के साथ सुंदर वातावरण देखने को मिलता है। -विजेश कुमार, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय

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