प्रयागराज : 16 वर्ष से अधिक आयु के अपराधी पर गैंगस्टर एक्ट लागू होगा

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम 16 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिग पर लगाया जा सकता है। उक्त फैसला न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह (प्रथम) की खंडपीठ ने पुलिस स्टेशन हल्दी, जिला बलिया में राजू पाठक के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए पारित किया।

प्राथमिकी में सह अभियुक्त आकाश गिरी पर एक गिरोह चलाने और पाठक पर सदस्य होने तथा सामाजिक अपराध करने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने उपरोक्त अधिनियम के नियम 27 एवं 22 पर विचार करते हुए निष्कर्ष निकाला कि यूपी की धारा 3(1) के तहत कार्यवाही की जाएगी।

गैंगस्टर एक्ट उस गैंगस्टर के खिलाफ चलाया जाता है, जिसने नियम 22 में सूचीबद्ध कोई अपराध किया हो और जिसकी उम्र 16 वर्ष से अधिक हो। गैंग चार्ट में अपराध के समय याची की उम्र 17 वर्ष और 8 महीने से अधिक थी, इसलिए 24 नवंबर 2022 को उक्त अधिनियम की धारा 3(1) के तहत दर्ज प्राथमिकी में पाठक की उम्र 18 साल एक महीना और 6 दिन बताई गई, जिससे वह कानूनी रूप से वयस्क हो गया।

अतः हाईकोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि पाठक प्राथमिकी दर्ज होने के समय भले ही नाबालिग था, लेकिन उसकी उम्र 16 वर्ष से अधिक थी। गैंग चार्ट में सूचीबद्ध अपराध और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार 16 वर्ष से अधिक आयु के अपराधी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

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