विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने के लिए बुधवार को भी जोरदार तरीके से मांग करते हुए शोर-शराबा किया जिसके कारण भोजनावकाश के बाद कार्यवाही पहले दो बजकर 45 मिनट और फिर तीन बजकर 15 मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। भोजनावकाश के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति दी।

ये भी पढ़ें - तुषार गांधी ने किया दावा- ‘भारत छोड़ो दिवस’ मनाने जाते समय उन्हें लिया गया हिरासत में 

 खड़गे ने कहा कि सदन में मणिपुर की स्थिति पर नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को आकर इस बारे में वक्तव्य देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाद में गृहमंत्री इस चर्चा का जवाब दे सकते हैं पर एक बार प्रधानमंत्री को आकर अपना वक्तव्य देना होगा।  खड़गे ने कहा कि मणिपुर में समाज बंट गया है और वहां पर लोगों के घर जलाए गए हैं तथा बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं।

इस पर नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी दल मणिपुर के स्थिति पर चर्चा नहीं चाहते बल्कि वह चर्चा से भागना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने व्यवहार से सदन और आसन का अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर की स्थिति पर पहले दिन से ही चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी दल चर्चा करना ही नहीं चाहते।

सभापति ने कहा कि वह मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने के लिए एक बार नोटिस स्वीकार कर चुके हैं और बार-बार उसको स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। बाद में विपक्ष के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदन में अव्यवस्था की स्थिति बनते देख कार्यवाही पौने तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सभापति ने सदन को केवल इतना बताया कि कार्यवाही सवा तीन बजे तक के लिए स्थगित की जा रही है। इससे पहले सुबह भी विपक्ष के सदस्यों ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग की जिसके चलते हुए हंगामा के कारण कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र: हड़ताल खत्म पर ‘बेस्ट’ के निजी संचालकों के कई कर्मचारी काम पर नहीं लौटे

संबंधित समाचार