बरेली: 50 राइस मिलर सशंकित...सितंबर में जर्जर सड़क से कैसे निकालेंगे ट्रक

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Published By Om Parkash chaubey
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धान के सीजन में रोजाना 350 ट्रकों का आवागमन, अटामांडा से धौराटांडा मार्ग है जर्जर, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सालभर से सड़क का आगणन तैयार करने का खेल खेल रहे, डीएम-कमिश्नर ने फिर प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र भेजकर प्रस्ताव स्वीकृत कराने की पैरवी की है

बरेली, अमृत विचार : औद्याेगिक क्षेत्रों की सड़कें चौड़ी हाेने के साथ दुरुस्त कराने की मांग उद्यमी मंडलीय और जिला उद्योग बंधु की बैठकों में उठाते रहे हैं लेकिन जिम्मेदार एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं। यही कारण है कि भोजीपुरा क्षेत्र के अटामांडा से धौराटांडा मार्ग की जर्जर हालत को लेकर राइस मिल संचालक सशंकित हैं।

कम चौड़ी और गड्ढों वाली सड़क का निर्माण कराने के लिए एक साल पहले राइस मिल संचालकों ने जो मांग उठाई थी, वह आज तक अधूरी है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क बनवाने के नाम पर सिर्फ आगणन-आगणन खेल रहे हैं। पिछले साल आगणन 19 करोड़ 97 लाख 18 हजार रुपये का तैयार किया था।

सड़क तो बनवा नहीं पाए लेकिन सड़क की लागत बढ़ गई। अब अधिकारियों ने 25 करोड़ 38 लाख से अधिक का आगणन बनाकर मुख्यालय को भेजा है लेकिन उसे स्वीकृत कराने के लिए अधिकारियों की ठोस पैरवी नजर नहीं आ रही है।

वहीं, राइस मिल संचालकों को यह डर सता रहा है कि 15 सितंबर के बाद धान का सीजन शुरू होने के साथ ही उनके ट्रकों को आना-जाना शुरू हो जाएगा। कम चौड़ी और गड्ढों वाली सड़क यदि नहीं बनी तो उनके लोडेड ट्रकों के आने-जाने के दौरान पलटने की आशंका ज्यादा बनी रहेगी। इसका असर कारोबार पर पड़ेगा।

जिला उद्योग बंधु की बैठक में रखी थी समस्या: अटामांडा से धौराटांडा मार्ग पर 7.45 किलोमीटर एरिया में करीब 50 राइस मिलें संचालित हैं। सीजन में प्रतिदिन राइस मिलों से 350 ट्रकों का आवागमन रहता है। 20 दिन पहले कलेक्ट्रेट में हुई जिला उद्योग बंधु की बैठक में मेसर्स अमन इंडस्ट्रीज धौराटांडा ने 25 अगस्त 2022 को दिए गए जर्जर सड़क का मामला जोरशोर से उठा था।

पिछले साल पत्र के जरिए अधिकारियों को बताया था कि अटामांडा से धौराटांडा तक जो राइस मिले हैं, सीजन में उनसे प्रतिदिन 350 से अधिक ट्रकों का आवागमन रहता है। यह सड़क करीब छह किलोमीटर तक 10 फीट चौड़ी है। इसमें सैकड़ों गड्ढे हैं। सड़क के चौड़ीकरण एवं निर्माण कराए जाने का अनुरोध किया था।

यह भी बताया था कि 15 सितंबर से धान का सीजन शुरू हो जाता है। उपरोक्त मार्ग से होकर ही ट्रक शाही को निकल अपने गंतव्य स्थानों को निकल जाते हैं। इस बार भी अधिकारियों को राइस मिल संचालकों ने सड़क की जर्जर स्थिति से अवगत कराया था।

पहले यह आगणन तैयार हुआ था, जिसकी पैरवी भी फेल हो गई थी: अधिशासी अभियंता लोनिवि प्रांतीय खंड ने सड़क के बारे में बताया था कि वर्तमान चौड़ाई 3.75 मीटर से 5.50 मीटर करने एवं मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने के लिए मुख्य अभियंता की ओर से कुल लंबाई 7.45 किलोमीटर लागत 19 करोड़ 97 लाख 18 हजार रुपये का आगणन तैयार कराकर प्रमुख अभियंता कार्यालय लखनऊ भेजा जा चुका है।

पिछले साल 19 सितंबर को भी स्वीकृति के संबंध में प्रमुख अभियंता लखनऊ को पत्र लिखा गया था। इसके साथ जिलाधिकारी की ओर से भी 16 दिसंबर 2022 को प्रस्ताव स्वीकृत कराने के लिए प्रमुख सचिव लोनिवि को प्राथमिकता में चिट्ठी लिखी गई थी। अधिशासी अभियंता ने यह भी बताया था कि कमिश्नर की ओर से भी इस सड़क के प्रस्ताव को स्वीकृत कराने के लिए पत्र लिखा गया था।

यह नया प्रस्ताव, 25 करोड़ 38 लाख का भेजा गया: इस साल नए सिरे से अटामांडा से धौराटांडा तक सड़क को चौड़ा करने के साथ निर्माण कराने के लिए आगणन तैयार कराया गया। अब करीब 7.45 किमी लंबी सड़क बनाने के लिए 25 करोड़ 38 लाख 82 हजार रुपये का आगणन तैयार कर मुख्यालय के लिए भेजा गया। इसे स्वीकृत कराने के लिए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने भी प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र लिखे हैं।

अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड ने सड़क का मामला जोरशोर से उठाए जाने पर अपनी सफाई देते हुए उच्चाधिकारियों के जरिए लगातार पैरवी कराई जा रही है। वहीं डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए हैं कि प्रस्ताव को लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय से शासन को प्रेषित कराने के लिए व्यक्तिगत पैरवी करें।

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