Pintu Sengar Murder: गोली मारकर हुई थी पिंटू की हत्या, जांच ठंड बस्ते में, पीड़ित पक्ष आज पुलिस कमिश्नर से मिलेंगे
कानपुर में ठंडे बस्ते में पिंटू सेंगर हत्याकांड की जांच।
कानपुर में ठंडे बस्ते में पिंटू सेंगर हत्याकांड की जांच। सोमवार को पीड़ित पक्ष पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाएगा। दोनों आरोपी वकीलों को क्लीनचिट दी गई थी।
कानपुर, अमृत विचार। चकेरी थानाक्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व हुई बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्याकांड की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। मामला आगे न बढ़ने पर आरोपियों को फायदा पहुंच रहा है। सोमवार को पीड़ित पक्ष अपने अधिवक्ता के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलेंगे और मामले की जांच को आगे बढ़ाने की गुहार लगाएंगे।
बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड को लेकर विवेचक ने पिछले वर्ष इस प्रकरण में आरोपी दोनों वकीलों को क्लीनचिट देते हुए उनके खिलाफ अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। हालांकि, जिन तथ्यों पर अंतिम रिपोर्ट लगाई गई, उसे लेकर तत्कालीन एसीपी सहमत नहीं थी, इसलिए अंतिम रिपोर्ट को वापस कर दिया गया। तब से जांच अनुकूल समय के इंतजार में ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
पिंटू सेंगर की 20 जून वर्ष 2020 को चकेरी थानाक्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 आरोपियों को जेल भेजा है, जिसमें से कक्कू की जेल में ही मौत हो चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया था कि पल्सर को अहसान कुरैशी चला रहा था, जबकि पीछे राशिद कालिया बैठा था।
जबकि केटीएम फैसल कुरैशी चला रहा था और सलमान बेग पीछे बैठा था। राशिद कालिया के अलावा सभी तीनों शूटर गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा मुकदमे में पप्पू स्मार्ट, महफूज अख्तर, सऊद अख्तर, मनोज गुप्ता और अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह नामजद थे।
पुलिस ने किया खेल
इस मामले में अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि नामजद महफूज अख्तर का नाम पुलिस ने निकाल दिया था, जबकि गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को पुलिस ने क्लीन चिट देते हुए जेल से रिहाई का अनुरोध कर डाला। वहीं दोनों अधिवक्ताओं के खिलाफ जांच आज तक पूरी नहीं हुई है। अब इसमें एक और नया खेल सामने आया है। पता चला कि पिछले वर्ष तत्कालीन विवेचक ने दोनों वकीलों को भी क्लीन चिट देते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।
इस मामले में तत्कालीन एसीपी शिवा सिंह को विवेचक के तर्क सही नहीं लगे तो उन्होंने अंतिम रिपोर्ट वापस कर दी और विवेचक के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए। खास बात ये है, कि इस घटना के बाद पिंटू सेंगर के भाई और मुकदमे के वादी धमेंद्र सिंह सेंगर ने अदालत में दोनों वकीलों का खुलकर नाम लिया और आरोप लगाया कि दीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह और महफूज समेत एक अज्ञात ने उनके भाई पर गोली चलाई।
मामले में जांच अभी लंबित है। पूर्व में एसीपी शिवा सिंह के समय अंतिम रिपोर्ट लगाई गई थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। अदालत में वादी के बयानों को भी परीक्षण किया जाएगा।- बृजनारायण सिंह, एसीपी चकेरी
