सिरसा: बीमा क्लेम को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना, नेशनल हाईवे पर वाहनों को रोका

सिरसा: बीमा क्लेम को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना, नेशनल हाईवे पर वाहनों को रोका

सिरसा। हरियाणा में सिरसा जिला के 272 गावों के वर्ष 2022 के खरीफ फसल खराबी के 641 करोड़ रुपए बकाया बीमा क्लेम की अदायगी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले आदोंलन पर उतारू किसानों ने बुधवार को सिरसा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 को गांव बहावदीन के पास टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना देकर वाहनों के आवागमन को रोक दिया।

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टोल प्लाजा पर तैनात कर्मियों से उनके कम्प्यूटर व अन्य सामान उठवा दिया ओर वहां जमावड़ा लगाकर बैठ गए। गौरतलब है कि किसानों ने तीन रोज पहले राष्ट्रीय राजमार्ग रोकने का ऐलान किया था बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए जिनसे किसानों को टोल प्लाजा पर पहुंचने से रोका जा सके।

इस मार्ग को रोक देने से सिरसा के साथ-साथ पड़ोसी प्रांत राजस्थान के श्री गंगानगर,हनुमानगढ़,पंजाब के फजिल्का, मुक्तसर,अबोहर,बठिंडा आदि जिलों के यहां से दिल्ली का सफर करने वाले लोगों को दुविधा झेलनी पड़ी। यातायात पुलिस ने सघंरसाधा मोड़ से विभिन्न गावों से ट्रेफि क को डायवर्ट कर फ तेहाबाद की ओर भेजा। बड़े ट्राले व अन्य भारी वाहन गावों में कमजोर मार्ग पर धंसने के डर से वहीं सड़क किनारे खड़े हो गए हैं।

आदोंलनकारी किसानों द्वारा टोल प्लाजा पर कब्जा कर राष्ट्रीय राजमार्ग रोकने के बाद जिलाधीश ने धारा 144 लगाने का ऐलान किया जो बेअसर रही। जिलाभर के विभिन्न गावों से किसान सुबह नौ बजे ही यहां आने आरम्भ हो गए थे। वहीं धरनास्थल गांव नारायाण खेड़ा से सैंकड़ों किसानों का काफि ला ट्रैक्टर,जेसीबी व कम्बाइन पर सवार होकर विभिन्न गावों से होते हुए यहां पहुंचे। किसानों ने सिरसा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने वाहन खड़े करते हुए वाहनों के आवागमन को रोक दिया।

किसान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। आदोंलनकारी किसानों के लिए गांव बहावदीन के लोगों ने जलपान का प्रंबध पूर्व में ही किया हुआ था। उधर गावं नारायण खेड़ा जल घर में चल रहे बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरना स्थल पर चार किसान भरत सिंह झाझड़ा, नरेंद्र पाल सहारण, दीवान सहारण और जयप्रकाश कासनियां पिछले 15 दिन से जल घर की टंकी पर चढ़े हुए हैं। यहां आंदोलनरत्त किसान भावदीन टोल प्लाजा के लिए कूच कर गए पीछे से नारायण खेड़ा धरने की कमान किसान महिलाओं ने संभाली।

सरपंच रीटा कासनियां, मनावती माखोसरानी, उर्मिला कैंरावाली, उन्नति बैनीवाल, अमन सहारण, सुनीता नारायण खेड़ा, उजाला, गुड्डी रायपुर सहित सैँकड़ों महिलाओं ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। महिलाओं ने क्यू बीज बिगन के बोवै र खट्टर देखे सै राम...मोदी रे हम तेरी बना देंगे रेल किस भूल में ना रहिए.....

कर लो कदर किसान की....आदि गानों पर सरकार को कोसा। टंकी पर चढ़े किसान नरेंद्र पाल की माता हंसकर सहारण दीवान सहारण की माता पावज़्ती, भारत सिंह झांझड़ा की माता भगवानी देवी और जयप्रकाश कासनियां की पत्नी सरोज भी पूरे दिन धरना स्थल पर डटी रहीं। इन्होंने क्षेत्र से आई हुई हजारों महिलाओं का हौसला बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की जीत नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इन्होंने कहा कि खेतों में काम का समय तो चल रहा है लेकिन किसानी को बचाने के लिए उनके घर से संघर्ष कर रहे पुरुषों पर उन्हें गर्व है। बहावदीन टोल प्लाजा पर एकत्रित किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन टिकेत के युवा विंग प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद,सुरेश ढाका,संदीप सिवंर,प्रकाश ममेंरा,मैक्स साहुवाला सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि किसान खराब हुई फ सल का पूर्व में जमा किए गए प्रीमियम के बदले फ सल खराबे का क्लेम मांग रहें हैं कोई खैरात नहीं?

फिर भी सरकार किसानों की बजाय बीमा कंपनी के साथ खड़ी है। राज्य सरकार के मत्रियों व कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों ने बीमा कंपनियों से करोड़ों रूपया कमीशन के तौर पर खा रखा है जिससे किसान की सुनवाई नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि जब तक क्लेम की राशि किसानों के खातों में नहीं आएगी जब तक यहां धरना यथावत रहेगा व हाइवे पर वाहन नहीं चलने देंगे।

जब इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा से बात की गई तो बताया कि मामले का हल निकालने के प्रयास कर रहे हैं। उधर, जिलाधीश पार्थ गुप्ता ने नागरिक सुविधाओं, सार्वजनिक परिवहन आदि को अवरुद्ध करने की संभावना व जिला सिरसा में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।

यह आदेश पुलिस या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी पर आधिकारिक कर्तव्यों पर लागू नहीं होगा। आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड की धारा 188 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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