बांदा : एमबीबीएस की छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, मौत

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Published By Virendra Pandey
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बांदा, अमृत विचार। राजस्थान के चुरू की रहने वाली ऊषा (23) प्रभुराम भार्गव 2020 बैच की एमबीबीएस छात्रा थी। वह रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के छात्रावास के कमरा नंबर 18 में रहती थी। बुधवार की दोपहर उसने कमरे के अंदर दुपट्टे से सीलिंग फैन पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। क्लास छूटने के बाद वापस हास्टल पहुंची साथी छात्राओं ने देखा तो दरवाजे बंद थे।

खिड़की से झांककर देखा तो ऊषा दुपट्टे के सहारे फंदे से लटक रही थी। मौके पर पहुंची छात्राओं ने अन्य लोगों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर घुसकर उसे फंदे से नीचे उतारा। देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं। छात्रा को आनन-फानन उपचार के लिए मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में लाया गया। काफी प्रयास के बाद छात्रा को बचाया नहीं जा सका, उसकी मौत हो गई। सूचना पाकर मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ.एसके कौशल, सोमेश त्रिपाठी के अलावा डॉ.एसके यादव समेत तमाम डाक्टर मौके पर पहुंच गए। हालांकि आत्महत्या करने का कारण अज्ञात है। सूचना पाकर अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र, सीओ सिटी गवेंद्रपाल गौतम समेत कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच पड़ताल की। हालांकि मेडिकल कालेज के प्राचार्य का कहना है कि फिलहाल आत्महत्या का कारण अज्ञात है। 

वर्ष 2022 में भी छात्र ने की थी आत्महत्या 

गौरतलब हो कि मेडिकल कालेज में पिछले साल 12 सितंबर 2022 को एमबीबीएस के छात्र अमित मजूमदार ने भी इसी तरह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट छोड़ा था। इसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहरने की बात कही थी, जिससे यह मामला ठंडा पड़ गया था। अब एक और घटना होने से मेडिकल कालेज प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।

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